Air India Plane Crash: ब्लैकबॉक्स से डाटा हुआ डाउनलोड, टेकऑफ के बाद विमान के अंदर क्या-क्या हुआ? सामने आएगी सारी सच्चाई
12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स से डेटा सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। भारतीय एजेंसी एएआईबी और अमेरिकी एजेंसी एनटीएसबी के अधिकारी दिल्ली में इस डेटा की गहन जांच कर रहे हैं। इस जांच का उद्देश्य दुर्घटना के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है। ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित रूप से बरामद कर दिल्ली लाया गया था और अब उनकी विस्तृत जांच जारी है।
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क्रैश हुए एअर इंडिया विमान का ब्लैकबॉक्स बरामद।(फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया के विमान से प्राप्त दोनों ब्लैकबाक्स में से संबंधित सूचनाएं सफलतापूर्वक निकाल लिये गये हैं। इनसे मिले डाटा की जांच भारतीय एजेंसी द एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशंस ब्यूरो (एएआइबी) और अमेरिकी सरकार की एजेंसी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं।
अभी दुर्घटनाग्रस्त विमान के कॉकपिट वायस रिकार्डर (सीवीआर) और फ्लाईट डाटा रिकार्डर (एफडीआर) से निकाले गये डाटा की जांच की जा रही है। जांच का काम दिल्ली स्थित एएआइबी के लैब में हो रहा है। इसकी जानकारी देते हुए नागरिक विमानन मंत्रालय ने बताया है कि सारे डाटा मिलने के बाद की दुर्घटना की गुत्थियों को सुलझाया जा सकेगा।
सरकार ने यह भी कहा है कि दुर्घटना के कारणों की तह में जा कर ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आगे इस तरह का हादसा नहीं हो।सीवीआर और वीडीआर को 13 जून, 2025 (दुर्घटना के एक दिन बाद) दुर्घटनास्थल के पास एक भवन के छत से प्राप्त किया गया था।
24 घंटे की निगरानी में रखा गया है ब्लैकबॉक्स
उनकी सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित लाने के लिए विशेष संचालन प्रक्रिया अपनाई गई। इन्हें चौबीसों घंटे पुलिस निगरानी और सुरक्षा कैमरे में रखा गया। इन्हें अहमदाबाद से दो विशेष विमानों (जिन्हें विशेष सुरक्षा दी गई थी) से 24 जून को दिल्ली लाया गया। उसी दिन इन्हें एएआइबी के कार्यालय लाया गया।
इसके बाद एएआइबी के महानिदेशक (डीजी) और दूसरे तकनीकी अधिकारियों के साथ एनटीएसबी के अधिकारियों ने डाटा हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की। बाद में इसके मेमोरी मॉड्यूल (जहां सारी सूचनाएं या बातचीत आदि दर्ज होती है) को सफलतापूर्वक खोला गया। फिर इनसे निकाले गये सारे डाटा को डाउनलोड किया गया।
सरकार ने यह भी बताया है कि डाटा को हासिल करने व उनकी जांच करने का सारा काम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत हो रहा है।सनद रहे कि 12 जून को विमान संख्या एआइ-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के तुरंत बाद ही एएआइबी ने जांच के लिए एक तकनीकी टीम का गठन किया था। इसमें एएआइबी के डीजी, एक एविएशन मेडीसिन विशेषज्ञ, एक एटीसी ऑफिसर और अमेरिकी सरकार की एजेंसी एनटीएसबी के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था।
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