क्या यूरोप के हवाई अड्डों पर साइबर अटैक का भारत में पड़ा प्रभाव? एअर इंडिया ने बताया
यूरोप में साइबर हमले से हीथ्रो ब्रसेल्स और बर्लिन समेत कई हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रभावित हुईं। विमानों के परिचालन में देरी और उड़ानें रद्द हुईं। चेक-इन और बोर्डिंग सेवा देने वाली कंपनी को निशाना बनाया गया। मैनुअल तरीके से चेक-इन होने के कारण यात्रियों को परेशानी हुई। हीथ्रो हवाई अड्डे ने यात्रियों को उड़ान से पहले स्थिति जांचने की सलाह दी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूरोप में साइबर हमले के कारण हीथ्रो, ब्रसेल्स, बर्लिन सहित कई हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रभावित हुईं। इसके कारण विमानों के परिचालन में देरी होने के साथ ही कई उड़ानें रद करनी पड़ीं।
दरअसल, हवाई अड्डों को चेक-इन और बोर्डिंग सुविधा प्रदान करने वाली सेवा प्रदाता को निशाना बनाया गया। हमला शुक्रवार देर रात को हुआ, लेकिन इसका प्रभाव शनिवार को भी नजर आया। विमानन डाटा प्रदाता सीरियम के अनुसार, हीथ्रो, बर्लिन और ब्रसेल्स से अब तक 29 प्रस्थान और आगमन रद किए जा चुके हैं। शनिवार को हीथ्रो से 651 प्रस्थान, ब्रसेल्स से 228 और बर्लिन से 226 प्रस्थान निर्धारित थे।
मैनुअल तरीके से करना पड़ा चेक-इन और बोर्डिंग
साइबर हमले के कारण हवाई अड्डे पर स्वचालित प्रणालियां प्रभावित हुईं और मजबूरन मैनुअल तरीके से चेक-इन और बोर्डिंग सुविधा प्रदान करनी पड़ी। इसके कारण हवाई अड्डे पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने स्थानीय गंतव्य तक यात्रा करने वाले लोगों को दो घंटे, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों वाले यात्री को तीन घंटे से अधिक समय पहले हवाई अड्डे पर न आने की सलाह दी। उनसे अपील की गई कि परेशानी से बचने के लिए घर से निकलने से पहले उड़ान की स्थिति के बारे में जानकारी जरूर हासिल कर लें।
लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डा प्रशासन ने कहा कि चेक-इन और बोर्डिंग सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी को¨लस एयरोस्पेस को तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बर्लिन हवाई अड्डे ने भी चेक-इन के लिए लंबे इंतजार की सूचना दी। साथ ही कहा कि टीमें त्वरित समाधान पर काम कर रही हैं।
एअर इंडिया ने क्या कहा?
एअर इंडिया ने कहा, ''हीथ्रो में व्यवधान के कारण चेक-इन प्रक्रिया में देरी हो सकती है। हमारी ग्राउंड टीमें असुविधा को कम करने के लिए काम कर रही हैं।'' वहीं, भारतीय हवाई अड्डों पर अब तक कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। अधिकारी के अनुसार, कोलिंस एमयूएसई एप्लीकेशन का उपयोग मुख्य रूप से यूरोपीय देशों में किया जाता है।
दूरसंचार सेवा बाधित होने से डलास के हवाई अड्डों पर 1,800 से अधिक उड़ानें बाधित
अमेरिका के डलास क्षेत्र के दो हवाई अड्डों पर 1,800 से अधिक उड़ानें देरी से चलीं और सैकड़ों उड़ानें रद करनी पड़ीं। संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने दूरसंचार सेवाओं में व्यवधान के कारण उड़ानों पर रोक लगा दी। एफएए ने कहा कि स्थानीय टेलीफोन कंपनी के उपकरण में कथित तौर पर आई समस्या के कारण यातायात धीमा हो रहा है, जबकि यह समस्या एफएए के उपकरणों से संबंधित नहीं है। एफएए कारण का पता लगाने के लिए टेलीफोन कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहा है।
(न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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