कैसे क्रैश हुआ था अहमदाबाद में एअर इंडिया का विमान? AAIB की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे; पढ़ें इसमें क्या है
एयर इंडिया विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में ईंधन स्विच बंद होने की वजह से इंजन फेल होने की बात सामने आई है। पायलटों के बीच हुई बातचीत में एक पायलट ने दूसरे से स्विच बंद करने के बारे में पूछा जिससे संदेह पैदा होता है। पहले भी बोइंग विमानों में फ्यूल स्विच को लेकर शिकायतें आई थीं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान हादसे (उडान संख्या ए-171ए) पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जांच एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। रिपोर्ट में विमान हादसे के पीछे की ठोस वजह तो यही है कि फ्यूल स्विच बंद हो गया था जिसके कारण दोनों इंजन बंद हो गए और ज्यादा उंचाई न होने के कारण आपात स्थिति में इंजन का पावर देने वाले रैम और रैट भी कारगर नहीं रहे।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि फ्यूल स्विच कैसे बंद हुआ। आखिरी रिपोर्ट आने में तो सालभर का वक्त लग सकता है। लेकिन दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत के दो लाइन महत्वपूर्ण हो गए हैं जिसमें एक पालयट ने कहा- तुमने स्विच क्यों बंद कर दिया और दूसरे ने कहा- मैंने नहीं किया। यानी शक की एक सुई पायलटों पर घूम गई है। हो सकता है कि इस पहलू पर भी अलग-अलग दृष्टि से जांच की जाए।
2018 में सामने आया था एक मामला
वैसे उड़ान से पहले दोनों पायलट की जांच हुई थी और दोनों फिट पाए गए थे। लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि बोइंग के विमान को लेकर ही 2018 में अमेरिका में एक एडवाइजरी जारी की गई थी जिसमें इस शिकायत का जिक्र था फ्यूल स्विच खुद से ऑफ और ऑन हुआ था। एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचने की बात नहीं की है। ना ही इसमें विमान निर्माता कंपनी बोइंग या इंजन बनाने वाली कंपनी जीई के लिए कोई अनुशंसा की है।
आरंभिक जांच के आधार पर आगे जांच जारी रखने की बात कही गई है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि विमान के रनवे पर फुल स्पीड में दौड़ लगाने के तीन सेकेंड बाद ही एक के बाद एक करके (एक सेकेंड के अंतराल पर) दोनों इंजनों के लिए फ्यूल आपूर्ति के स्विच रन (चालू) से कटऑफ (बंद करने का संकेत) में चले गये। ध्यान रहे कि फ्यूल स्विच केवल मैनुअल की किया जाता है। लेकिन रिपोर्ट इस बात का भी जिक्र है कि विमान निर्माता कंपनी बोइंग के विमानों में ईंधन आपूर्ति से जुड़े स्विच को पहले सवाल उठ चुके हैं।
वैश्विक विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
- यह सवाल स्वयं अमेरिकी सरकार की एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी बुलेटिन में उठाए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, एफएए की तरफ से 17 दिसंबर, 2018 को फ्यूल कंट्रोलिंग स्विच के लॉकिंग फीचर के बंद होने की संभावना पर स्पेशल एयरवर्थिनेस एवरनेस बुलेटिन जारी की थी। यह बुलेटिन 737 मॉडल में इस्तेमाल फ्यूल कंट्रोलिंग स्विच में बंद होने को लेकर आई रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई थी। एयर इंडिया की तरफ से बताया गया है कि उक्त बुलेटिन बाध्यकारी नहीं थी बल्कि सुझाव के तौर पर थी।
- कुछ वैश्विक विशेषज्ञों ने इसे सभी विमानन कंपनियों के लिए एक चेतावनी बताते हुए कहा है कि उन्हें उड्डयन सेक्टर को सुरक्षित बनाने के लिए नये सिरे से विचार करना होगा। गौरतलब है कि फ्यूल और पावर बंद होने की स्थिति में रैम और रैट खुद ही संचालित हो जाते हैं जो पावर जेनरेट करते हैं लेकिन बताया जाता है कि पायलट द्वारा फ्यूल स्विच ऑफ ऑन करने या फिर रैट के जरिए भी पूरा पावर मिलने में सात-आठ सेंकेंड का वक्त लगता है। चूंकि एअर इंडिया विमान की उंचाई बहुत कम थी इसलिए रैट भी कुछ न कर सका।
- प्रारंभिक रिपोर्ट में एअर इंडिया की बोइंग निर्मित उक्त बी-787 ड्रीमलाइनर विमान में और कोई चिंताजनक या संदेहास्पद तथ्य सामने आने की बात नहीं है। रिपोर्ट में खुल कर नहीं कहा गया है लेकिन अब यह संदेह गहरा गया है कि विमान दुर्घटना के पीछे मुख्य वजह मानवीय भूल है। कुछ विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि यह जानबूझ कर की गई मानवीय गलती है। विमान के मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल थे जबकि उनका साथ बतौर फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर दे रहे थे। फ्यूल ईंधन आपूर्ति स्विच के बारे में किस पायलट ने सवाल पूछा और किसने जवाब दिया, यह भी रिपोर्ट में नहीं बताया गया है।
लंदन जा रहा विमान हुआ था दुर्धटनाग्रस्त
वैसे एएआईबी की रिपोर्ट ने समूचे ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फ्यूल कंट्रोल स्विच के बंद होने से हादसा हुआ है तो यह अपनी तरह की पहली विमान दुर्घटना है। उल्लेखनीय है कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया का उक्त विमान हादसे का शिकार हो गया था। इसमें 230 यात्रियों के अलावा दो पायलटों और 10 विमान परिचालिकाओं का देहांत हो गया था।
साथ ही यह विमान एयरपोर्ट के पास ही स्थित एक मेडिकल कॉलेज पर गिरा जहां 19 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 67 लोग घायल हुए हैं। दुर्घटना के बाद एएआईबी की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एएआईबी ने बताया है कि अमेरिकी सरकार की नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी), एफएए, बोइंग व जीई (इंजन निर्माता कंपनी) के अधिकारियों ने भी जांच में मदद की है।
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