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    हो सकता था बड़ा हादसा, विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर पक्षी के टकराने से एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान रद

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 05 Sep 2025 03:03 AM (IST)

    बेंगलुरु जाने वाली एअर इंडिया एक्सप्रेस की एक उड़ान गुरुवार को विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर एक पक्षी के टकराने के बाद रद कर दी गई। एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरने से पहले रनवे पर टैक्सींग के दौरान एक चील विमान के अगले हिस्से से टकरा गई। इसके बाद एयरलाइन को उड़ान रद करनी पड़ी और उसमें सवार 90 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी।

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    रनवे पर टैक्सींग के दौरान एक चील विमान के अगले हिस्से से टकरा गई (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, विजयवाड़ा। बेंगलुरु जाने वाली एअर इंडिया एक्सप्रेस की एक उड़ान गुरुवार को विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर एक पक्षी के टकराने के बाद रद कर दी गई। एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि उड़ान भरने से पहले रनवे पर टैक्सींग के दौरान एक चील विमान के अगले हिस्से से टकरा गई।

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    यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा

    इसके बाद एयरलाइन को उड़ान रद करनी पड़ी और उसमें सवार 90 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी। हालांकि, घटना में किसी भी यात्री या क्रू को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

    एयरलाइन ने यात्रियों से हुई देरी के लिए खेद जताया और कहा कि सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। एयरलाइन ने कहा कि सभी प्रभावित यात्रियों को विकल्प दिए गए हैं, जिनमें नि:शुल्क पुनर्निर्धारण या पूर्ण धन वापसी के साथ निरस्तीकरण शामिल है।

    पायलट के थकान जोखिम से निपटने के लिए डीजीसीए ने जारी किया दिशानिर्देश

    नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों के थकान जोखिम से निपटने के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें चालक दल की सुरक्षा-प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए नीतियों को अनिवार्य किया गया है।

    दिशानिर्देश में बताया गया कि पायलट और चालक दल के सदस्यों को कितना काम करना चाहिए और कितना आराम मिलना चाहिए, जिससे वे थके नहीं। नए दिशानिर्देश मौजूदा उड़ान ड्यूटी समयसीमा मानदंडों का पूरक होगा और थकान के प्रबंधन के लिए डेटा-संचालित, वैज्ञानिक दृष्टिकोण लागू करेगा।

    थकान के प्रबंधन के लिए डेटा-संचालित वैज्ञानिक दृष्टिकोण लागू

    विमानन कर्मचारियों में थकान को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती चिंताओं के बीच डीजीसीए पहले ही पायलट के लिए संशोधित उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) मानदंड लागू कर चुका है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।

    डीजीसीए ने कहा कि यह परिपत्र थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली की अनुमोदन प्रक्रियाओं, कार्यान्वयन की आवश्यकताओं और निरीक्षण प्रणालियों पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक और डेटा-आधारित थकान प्रबंधन दृष्टिकोणों के माध्यम से उड़ान सुरक्षा को बढ़ाना है।

    डीजीसीए ने कहा कि थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली पर कही ये बात

    डीजीसीए ने कहा कि थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली में वैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर अधिकतम उड़ान समय, उड़ान ड्यूटी अवधि और ड्यूटी अवधि की सीमाएं होनी चाहिए, साथ ही पर्याप्त रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम विश्राम की आवश्यकताएं और सुरक्षा परिणामों को ट्रैक करने के लिए प्रदर्शन निगरानी प्रणाली जैसे तत्व भी शामिल होने चाहिए।

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