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    दो बार बदला गया था एअर इंडिया विमान का TCM, फ्यूल कंट्रोल स्विच से कैसे है इसका संबंध; क्या क्रैश में थी इसकी कोई भूमिका?

    Updated: Mon, 14 Jul 2025 08:39 AM (IST)

    Air India Crash Report अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जांच में पता चला कि विमान का थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (टीसीएम) पिछले छह साल में दो बार बदला गया था।टीसीएम में फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं जिनके बंद होने से विमान को पर्याप्त थ्रस्ट नहीं मिल सका। एएआईबी की रिपोर्ट के अनुसार टीसीएम 2019 और 2023 में बदला गया।

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    12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान क्रैश हो गया था। (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्रैश को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। इस विमान का थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (टीसीएम) पिछले छह साल में दो बार बदला गया था। इसी टीसीएम में फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं।

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    न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह बदलाव बोइंग के 2019 के निर्देश के बाद किया गया। इस हादसे की जांच में टीसीएम और फ्यूल कंट्रोल स्विच पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि टेकऑफ के तुरंत बाद ये स्विच बंद हो गए थे।

    12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया का विमान टेकऑफ के बाद एक इमारत से टकरा गया। इस क्रैश के बाद भयानक विस्फोट हुआ जिसमें 260 लोगों की जान चली गई।

    जांच में सामने आया कि फ्यूल कंट्रोल स्विच को बंद हो जाने की वजह से विमान को पर्याप्त थ्रस्ट और ऊंचाई नहीं मिल सकी, जिसके चलते यह हादसा हुआ।

    टीसीएम कब बदला गया?

    एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शनिवार को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट (Air India Crash Report) में बताया गया कि विमान का टीसीएम 2019 और 2023 में बदला गया था। हालांकि, रिपोर्ट में साफ किया गया कि ये बदलाव फ्यूल कंट्रोल स्विच से जुड़े नहीं थे।

    पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बोइंग ने 2019 में एक संशोधित मेंटेनेंस प्लानिंग डॉक्यूमेंट (एमपीडी) जारी किया था। इस दस्तावेज में सभी ड्रीमलाइनर ऑपरेटर्स को हर 24,000 फ्लाइट घंटे बाद टीसीएम बदलने का निर्देश था।

    इसी निर्देश के तहत एयर इंडिया ने हादसे का शिकार हुए विमान में 2019 और 2023 में टीसीएम बदला। सूत्रों का कहना है कि यह बदलाव बोइंग के नियमों के मुताबिक नियमित रखरखाव का हिस्सा था।

    एएआईबी की रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?

    एएआईबी की रिपोर्ट में कहा गया कि जांच के मौजूदा चरण में बोइंग 787-8 या इसके जीईएनएक्स-1बी इंजन ऑपरेटर्स और निर्माताओं के लिए कोई अनुशंसित कार्रवाई नहीं है। हादसे का शिकार हुआ विमान जीईएनएक्स-1बी इंजनों से लैस था।

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 17 दिसंबर 2018 को फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एक स्पेशल एयर वर्थनेस इंफॉर्मेशन बुलेटिन (एसएआईबी) जारी किया था। इसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग फीचर के डिसएंगेज होने की आशंका जताई गई थी।

    यह बुलेटिन बोइंग 737 विमानों के ऑपरेटर्स की रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया था। इसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग फीचर डिसएंगेज पाया गया था।

    हालांकि, एफएए ने इसे गंभीर खामी नहीं माना और कोई अनिवार्य निर्देश जारी नहीं किया। एएआईबी ने बताया कि बोइंग के कई मॉडलों में फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजाइन एक जैसा है।

    मेंटेनेंस रिकॉर्ड में क्या मिला?

    एअर इंडिया के मुताबिक, एसएआईबी के सुझाए गए निरीक्षण नहीं किए गए, क्योंकि यह सलाहकारी था, न कि अनिवार्य। मेंटेनेंस रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि विमान में 2019 और 2023 में टीसीएम बदला गया, लेकिन इसका कारण फ्यूल कंट्रोल स्विच से जुड़ा नहीं था। 2023 के बाद से विमान में फ्यूल कंट्रोल स्विच से संबंधित कोई खराबी दर्ज नहीं की गई थी।

    (पीटीआई इनपुट्स के साथ)

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