'सेनाओं को सशक्त बनाकर ही जीते जाते हैं युद्ध', लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी पर वायुसेना प्रमुख ने उठाए सवाल
वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने रक्षा सौदों की आपूर्ति में देरी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुबंध समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं जिससे सैन्य बलों की महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए की आपूर्ति में हो रही देरी का भी उल्लेख किया। उन्होंने उद्योग जगत से रक्षा उपकरणों के उत्पादन में तेजी लाने का आह्वान किया।

संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर तीनों सेनाओं की हो रही सराहना के बीच वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रक्षा खरीद सौदे होने के बावजूद इनकी आपूर्ति में देरी पर गंभीर चिंता का खुले तौर पर इजहार किया है।
भारतीय वायुसेना को लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस की आपूर्ति में हो रही देरी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार हम रक्षा अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय जानते हैं कि ये उपकरण सिस्टम में समय पर नहीं आएंगे। वायुसेना प्रमुख ने यह कहने से भी गुरेज नहीं किया कि एक भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है।
सीआईआई की सालाना बैठक के सत्र को किया संबोधित
रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों तथा एजेंसियों को बेलाग संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम ऐसा वादा ही क्यों करें, जो पूरा नहीं हो सकता। वायुसेना प्रमुख ने गुरुवार को शीर्ष उद्योग संगठन सीआईआई की सालाना बैठक के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा सौदों की आपूर्ति समय-सीमा के भीतर नहीं होना एक बड़ा मुद्दा है। आपूर्ति में विलंब ने सैन्य बलों की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर असर डाला है। उन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए का जिक्र किया जिसको लेकर वायुसेना ने हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से समझौता किया है।
एचएएल से करीब 48,000 करोड़ रुपये के 83 तेजस विमानों की खरीद के समझौते के तहत वायुसेना को मार्च 2024 से ही विमानों की आपूर्ति शुरू होनी थी मगर यह अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
'तेजस एमके-1ए की आपूर्ति में हो रही देरी'
मालूम हो कि अमेरिकी कंपनी जीई से तेजस के इंजन की आपूर्ति का करार है मगर इसमें दो साल से अधिक देरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी की शुरूआत के तत्काल बाद फरवरी में हुई अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के समझ जीई से इंजन आपूर्ति के विलंब का मुद्दा उठाया भी था। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तेजस एमके-1ए की आपूर्ति में देरी हो रही है और तेजस एमके-2 का प्रोटोटाइप अभी तक रोल आउट नहीं हुआ है। स्टील्थ एडवांस मीडियम काम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है। एएमसीए पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू फाइटर जेट है।
सैन्य बलों तथा उद्योग जगत के बीच विश्वास की जरूरत
अभी दो दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने एएमसीए के प्रोटाइटाइप विमान बनाने के क्रियान्वयन मॉडल परियोजना को औपचारिक मंजूरी दी है। एअर चीफ मार्शल ने कहा कि हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते। हमें अपने यहां डिजाइनिंग और विकास की भी बात करनी चाहिए। सैन्य बलों तथा उद्योग जगत के बीच विश्वास की जरूरत है। हमें बहुत खुला होना चाहिए। एक बार जब हम किसी चीज के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं तो उसे पूरा करना चाहिए। यानी प्राण जाए पर वचन न जाई।
वायुसेना भारत में निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। हमें भविष्य के लिए अभी से तैयार रहना होगा। वायुसेना प्रमुख ने साफ कहा कि अगले 10 वर्षों में उद्योग से अधिक उत्पादन मिलेगा, लेकिन जो हमें आज चाहिए, उस काम को जल्दी से जल्दी पूरा करना होगा। सेनाओं की ऑपेरशन क्षमता के लिए रक्षा आपूर्ति की अनिवार्य जरूरत को रेखांकित करते हुए एअर चीफ मार्शल ने कहा कि हमारी सेनाओं को सशक्त बनाकर ही युद्ध जीते जाते हैं। उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि जब हम भारत में वर्ल्ड क्लास कार समेत अन्य वस्तुएं बना सकते हैं तो फिर देश के लिए रक्षा उपकरण बनाने के लिए भी उन्हें आगे आना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय जीत
वायुसेना प्रमुख ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय जीत बताते हुए कहा कि तीनों सेनाओं ने इस आपरेशन को बेहद पेशेवर तरीके से अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि हम सच्चाई के रास्ते पर चल रहे थे, इसलिए मुझे लगता है कि इसमें भगवान भी हमारे साथ थे। उन्होंने सभी नागरिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हर भारतीय इस जीत की उम्मीद कर रहा था। यह एक ऐसा आपरेशन था जिसे सभी एजेंसियों और सैन्य बलों ने बहुत ही पेशेवर तरीके से क्रियान्वित किया। एयर चीफ मार्शल एपी ¨सह ने कहा कि जब सच्चाई आपके साथ होती है, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है।
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