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    अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन गडग में संपन्न, 14 सूत्रीय मांगें प्रधानमंत्री को सौंपेगा प्रतिनिधिमंडल

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 01:34 PM (IST)

    अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन कर्नाटक के गडग में संपन्न हुआ। सुबोध कांत सहाय की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में पंचायतों के ...और पढ़ें

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    अखिल भारतीय पंचायत परिषद (AIPPC) का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय पंचायत परिषद (AIPPC) का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन 12 से 13 दिसंबर 2025 तक कर्नाटक के गडग में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने की। इस दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर से पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने सहभागिता की।

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    सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों से प्राप्त सुझावों और प्रस्तावों पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद पंचायतों के सर्वांगीण सशक्तिकरण से जुड़ी 14 महत्वपूर्ण मांगों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही इन मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करेगा।

    प्रमुख प्रस्ताव

    प्रमुख प्रस्तावों में पंचायतों का आर्थिक सशक्तिकरण, डिजिटल पंचायत व्यवस्था को बढ़ावा, विधायक एवं सांसद निधि की तर्ज पर सरपंच निधि की व्यवस्था, निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के लिए वेतन एवं पेंशन, तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत में समर्पित प्रशासनिक स्टाफ की नियुक्ति शामिल है।

    गांवों को सशक्त बनाने की पहल

    सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि वर्तमान समय वैश्वीकरण का नहीं, बल्कि स्थानीयकरण और आत्मनिर्भरता का है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की वास्तविक शक्ति उसके गांवों में निहित है और ग्राम पंचायतों को मजबूत किए बिना सतत विकास संभव नहीं है। यह सम्मेलन कर्नाटक पंचायत परिषद एवं राज्य के पंचायती राज मंत्री श्री प्रियांक खरगे के विशेष आग्रह पर आयोजित किया गया।

    स्मार्ट गांवों से बनेगा स्मार्ट भारत

    परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान ने कहा कि केवल स्मार्ट शहरों से देश स्मार्ट नहीं बनेगा, बल्कि स्मार्ट गांवों के निर्माण से ही स्मार्ट भारत का सपना साकार होगा। परिषद के राष्ट्रीय सलाहकार बद्री नाथ ने “तकनीक में आधुनिक लेकिन आत्मा से भारतीय” गाँवों के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। महामंत्री अनिल शर्मा ने परिषद की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जबकि दिल्ली प्रदेश पंचायत परिषद के अध्यक्ष श्री ध्यान पाल सिंह जादौन ने पंचायत प्रतिनिधियों को वेतन, पेंशन और भत्ते प्रदान किए जाने की मांग को प्रमुखता से रखा, जिसे व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ।

    कई हस्तियां रहीं शामिल

    सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से पंचायत प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। उत्तर प्रदेश से राणा दिनेश सिंह, डॉ. अलका राय (पूर्वांचल) और ठाकुर गवेन्द्र सिंह (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) सहित अनेक प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहे।

    बिहार से परिमल राय, गोवा से फर्नांडिस, उत्तराखंड से अनिल बिष्ट, मध्य प्रदेश से राजेन्द्र सिंह तोमर, झारखंड से अजय सिंह एवं सुन्दरी तिर्की, राजस्थान से मोहन लाल शर्मा, आंध्र प्रदेश से चिदम्बर रेड्डी, तेलंगाना से जलील और विजय वर्मा, केरल से पी. विजयन, त्रिपुरा से ब्राजीत सिन्हा, पश्चिम बंगाल से डी. पी. राय, असम से जे. पी. सिंह तथा मणिपुर से बी. एन. सिंह अपनी-अपनी टीमों के साथ उपस्थित रहे।

    सम्मेलन के सफल आयोजन में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष बी. वाई. घोरपड़े की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके साथ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष लीलू राम केवट, हिमाचल प्रदेश से बलदेव सिंह और कुल राकेश पंत, राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र चौधरी एवं राजवीर सिंह राठी, हरियाणा से प्रदेश अध्यक्ष उमेश शर्मा की टीम, तथा जम्मू से मिन्हास की टीम ने सक्रिय योगदान दिया।

    इस अवसर पर तमिलनाडु से साउथ इंडियन पंचायत परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक के. ए. मनोहरन भी उपस्थित रहे।

    कर्नाटक सरकार के मंत्री भी रहे मौजूद

    कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में कर्नाटक सरकार के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच. के. पाटिल, पूर्व विधायक एवं कर्नाटक राज्य की विकेंद्रीकृत योजना एवं विकास समिति के उपाध्यक्ष डी. आर. पाटिल, विधान परिषद सदस्य एस. वी. संकनूर, पूर्व सांसद एवं कर्नाटक राज्य के पांचवें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री नारायण स्वामी, ग्रामीण एवं पंचायती राज के पूर्व निदेशक श्री केम्पे गौड़ा, महात्मा गांधी ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुरेश नाडा गौड़ा, तथा कर्नाटक राज्य पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष वेंकट राव घोरपड़े प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।