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शशिकला को अन्नाद्रमुक की कमान, चिनम्मा ने स्वीकार की जिम्मेदारी

पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता के निधन को एक महीना पूरा होने को है। इस दौरान पार्टी महासचिव के पद को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जाते रहे हैं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Thu, 29 Dec 2016 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 29 Dec 2016 04:53 PM (IST)
वीके शशिकला नटराजन (फाइल फोटो)

चेन्नई, प्रेट्र। करीब तीस साल तक जे जयललिता की करीबी रहीं वीके शशिकला को अन्नाद्रमुक की महासचिव बनाया गया है। चिनम्मा (मौसी) के नाम से प्रसिद्ध शशिकला के नाम के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पार्टी की आमसभा ने स्वीकार किया। जयललिता के निधन के बाद से ही पार्टी में नेतृत्व के लिए शशिकला का नाम चल रहा था।

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पार्टी के कोषाध्यक्ष व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने बताया कि पार्टी के नियम के मुताबिक चिनम्मा को पार्टी का महासचिव बनाया गया है। आमसभा ने शशिकला की गैरमौजूदगी में यह फैसला किया। इसके बाद पन्नीरसेल्वम, वरिष्ठ नेता व लोकसभा के डिप्टी स्पीकर एम थंबीदुरई, राज्य सरकार के मंत्री ई पलानीसामी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पोएस गार्डन स्थित जयललिता के आवास पर जाकर पार्टी के निर्णय से संबंधित पत्र शशिकला को सौंपा। शशिकला इसी आवास में रहती हैं। शशिकला ने पार्टी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।

इस मौके पर उन्होंने जयललिता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। कहा, पार्टी जयललिता के बताए रास्ते पर ही चलेगी। आमसभा में प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम, ई पलानीसामी और वरिष्ठ नेता ई मधुसूदन ने रखा था। पार्टी संविधान के मुताबिक महासचिव के रूप में शशिकला का औपचारिक निर्वाचन बाद में होगा। इसी साल जून में हुई पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक में जयललिता ने भाग लिया था।

पार्टी पदाधिकारियों की यह आखिरी बैठक थी जिसमें जयललिता शामिल हुई थीं। इसके कुछ दिनों बाद ही जयललिता अस्वस्थ हो गई थीं और कई हफ्तों तक सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दी थीं। इसी के बाद उन्हें चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से वह स्वस्थ होकर बाहर नहीं आ पाईं।

पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता के निधन को एक महीना पूरा होने को है। इस दौरान पार्टी महासचिव के पद को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जाते रहे हैं। आखिरकार अब पार्टी ने शशिकला नटराजन के नेतृत्व में काम करने पर सहमति जता दी है।

इससे पहले बुधवार को एआईएडीएमके के एक नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि शशिकला को पार्टी की तरफ से सहयोग मिला है और वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर वह पार्टी की अगली महासचिव होंगी।

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हालांकि पार्टी के भीतर ही एक छोटा सा गुट ऐसा भी था जो शशिकला को महासचिव बनाने का विरोध कर रहा था। इसके अलावा उन्हें शशिकला पुष्पा से भी चुनौती मिल रही है, जो पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी से निष्काषित हैं। शशिकला पुष्पा ने मद्रास हाइकोर्ट में मामला दर्ज करके कहा है कि पार्टी नियमों के अनुसार शशिकला नटराजन पार्टी की कमान संभालने के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

शशिकला पुष्पा का कहना है कि शशिकला नटराजन को साल 2011 में जयललिता ने पार्टी से निकाल दिया था और साल 2012 में एक बार फिर से पार्टी में शामिल किया था। उन्होंने कहा, पार्टी महासचिव कोई भी वह व्यक्ति बन सकता है जो कम से कम पांच साल से लगातार पार्टी में हो।

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