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    छंटनी के बीच 3 सेक्टर्स में रोजगार के मौके, 5 स्किल्स हैं तो मिलेगी मोटी सैलरी वाली नौकरी

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 07:42 PM (IST)

    एआई के दौर में आईटी सेक्‍टर में भी नौकरियां सुरक्षित नहीं हैं जिसका ताजा उदाहरण TCS और अन्य बड़ी कंपनियों में छंटनी है। टीसीएस ने 12000 लोगों को निकाल दिया। इस साल अब तक 171 कंपनियों ने 80250 से अधिक कर्मचारियों को निकाला है। ऐसे में तीन सेक्‍टर हैं जिनमें काम करने के लिए पांच में से कोई एक स्किल हो तो...

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    नौकरी संकट या स्किल गैप? AI के दौर में इन 5 स्किल्स से मिलेगा रोजगार। फोटो- प्रतीकात्‍मक

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए आक्रामक व्यापार शुल्कों के कारण न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति में अस्थिरता आ गई है। इस नई परिस्थिति का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नए तथ्यों के साथ संवाद का अवसर प्रदान किया है।

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    व्यापारिक मोर्चे पर देशों के बीच मची खींचतान के बीच तकनीकी उद्योग में मंदी की आहट से भी चिंता बढ़ी है। यह खतरा इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि तकनीकी पेशेवर अपनी उच्च तनख्वाह से घर, कार और जीवनशैली के बाजार को संचालित कर रहे हैं। इसलिए भारत के आईटी सेक्टर से आ रही खबरें भविष्य की चिंताओं से भरी हुई हैं।

     80 हजार से ज्‍यादा की छंटनी

    हाल में देश की सबसे बड़ी प्राइवेट आईटी कंपनी टीसीएस ने 12,000 से अधिक नौकरियों में कटौती करने की घोषणा की, जिसने सभी को चौंका दिया है। इससे कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में लगभग दो प्रतिशत की कमी आएगी। यह स्थिति केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देखी जा रही है।

    लेआफ्स डॉट एफवाईआइ के अनुसार इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी 171 कंपनियों ने इस वर्ष अब तक कुल 80,250 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इनमें इंटेल ने मात्र तीन महीनों में 27,000 छंटनी के साथ सबसे आगे है।

    एआई के युग में कितनी सुरक्षित हैं नौकरियां?

    कर्मचारियों की छंटनी की इन बड़ी घोषणाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के युग में आईटी क्षेत्र में न तो नौकरियां सुरक्षित हैं और न ही इस क्षेत्र का पारंपरिक बिजनेस मॉडल। आईटी सेक्टर का विकास पिछले तीन दशकों से बाजार और अर्थशास्त्र को प्रभावित कर रहा है। सूचना क्रांति के साथ शुरू हुए सूक्ष्म तकनीक का दौर अब भी जारी है, लेकिन यह तेजी से बदल रहा है।

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ उत्पन्न अवसर और खतरे दोनों ने इस स्थिति को जटिल बना दिया है। जब तक यह स्थिति एक निश्चित आकार नहीं ले लेती, संकट इसी तरह गहराता रहेगा। मौजूदा हालात में एजेंटिक एआइ के प्रभाव बढ़ने से अगले पांच वर्षों में विनिर्माण, खुदरा और शिक्षा क्षेत्रों में लगभग 1.8 करोड़ नौकरियों का नुकसान हो सकता है। एजेंटिक एआई एक ऐसी तकनीक है जो एआइ एजेंटों को बिना मानवीय हस्तक्षेप के स्वायत्त रूप से कार्य करने की अनुमति देती है।

    हालांकि, इस आकलन का दूसरा पक्ष भी है, जिसमें कहा गया है कि इसी अवधि में एजेंटिक एआई से नई तकनीकी वाली 30 लाख से अधिक नौकरियों का अवसर भी उत्पन्न होगा। वर्ष 2026 में भारत सरकार द्वारा एआई मिशन के तहत 2,000 करोड़ रुपये और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े सेंटर आफ एक्सिलेंस के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय एक दूरदर्शी कदम है।

    कंपनियों में क्‍या बदल गया?

    वास्तव में नौकरी के लिए तकनीकी कौशल और दक्षता के मानकों में बदलाव के कारण एआई सेक्टर का बिजनेस मॉडल अभी भी काफी हद तक कागजों और कयासों में है। यह सच है कि इसने अपने शुरुआती दिनों में ही युगांतकारी बदलाव की आहट से दुनिया को चौकन्ना कर दिया है।

    स्पष्ट है कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से बाजार में बड़ी छतरी तानने का दौर अब समाप्त हो चुका है। टीसीएस जैसी कंपनियां, जो अब तक कम लागत पर वैश्विक ग्राहकों के लिए सॉफ्टवेयर बनाती रही हैं, अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण कई कार्यों के ऑटोमेटिक होने से संकट में हैं।

    इसके साथ ही नई तकनीक पर आधारित समाधानों का नया दौर शुरू हो चुका है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नए प्रशिक्षण कार्यक्रम और री-स्किलिंग के माध्यम से ये कंपनियां नई स्थिति में अपने पैर जमाए रख पाती हैं या फिर भविष्य में कुछ नए तकनीकी नवाचार से जुड़े फर्म उभरेंगे।

    किन सेक्‍टर्स में होंगी भर्ती?

    अंततः यह समझना आवश्यक है कि तकनीक के क्षेत्र में बदलाव कोई नई बात नहीं है। औद्योगिक क्रांति के समय से इस तरह के बदलावों के कई चरण दुनिया ने देखे हैं। हर बार नए बदलावों के साथ संकट और अवसर का एक नया दौर शुरू होता है।

    इस दृष्टिकोण से देखें तो एआई, क्लाउड और डाटा सिक्योरिटी जैसे नए क्षेत्रों में भर्तियां जिस तरह से बढ़ी हैं, वे यह दर्शाती हैं कि कौशल के नए मानकों और श्रेष्ठता के साथ नौकरी तलाशने वालों के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है।

    विशेष रूप से सॉफ्टवेयर उद्योग में जिस ‘स्किल गैप’ की चर्चा हो रही है, वह यह दर्शाती है कि न तो मांग कम हुई है और न ही अवसरों का अभाव है। जेनरेटिव एआई के कारण उत्पादकता में तेजी आई है, जिससे छोटी-बड़ी सभी कंपनियों को अपने बिजनेस मॉडल और वर्कर्स स्ट्रक्चर पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे एआइ के साथ आगे कैसे बढ़ती हैं।

    किन सेक्‍टर्स में रोजगार के असवर?

    एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग और डाटा विश्लेषण जैसे नए क्षेत्रों में भर्तियां जिस तरह से बढ़ी हैं, वे दर्शाती हैं कि कौशल के नए मानकों के साथ नौकरी तलाशने वालों के लिए अवसरों की कमी नहीं है।

    AI के दौर में नौकरी के लिए 5 जरूरी स्किल्स

    एआई के दौर में अगर आपके पास मशीन लर्निंग (Machine Learning), डेटा साइंस और बिग डेटा एनालिटिक्स (Data Science & Analytics), प्रोग्रामिंग (Programming), नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) और क्रिएटिव और प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स (Creative and Problem-Solving Skills) जैसी पांच स्किल हैं तो आपको नौकरी के साथ-साथ मोटी सैलरी भी मिलेगी।

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    (बातचीत- वरिष्ठ पत्रकार प्रेम प्रकाश से बातचीत)