एआई व मशीन लर्निंग में नौकरियों में 61 फीसदी की वृद्धि, वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में नौकरियों में 61% की वृद्धि हुई है। यह मांग आईटी के साथ-साथ गैर-आईटी क्षेत्रों में भी बढ़ रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीएसटी में कटौती और महंगाई पर नियंत्रण के कारण भारत की आर्थिक विकास दर मजबूत बनी रहेगी। आरबीआई और आईएमएफ ने भी भारत की विकास दर के अनुमान को बढ़ाया है।

तीन वर्ष का अनुभव रखने वालों के लिए रोजगार के अवसर में 15 फीसद की वृद्धि
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सितंबर, 2025 में आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जानने वालों की नौकरियों में 61 फीसद की वृद्धि हुई है। इनकी मांग सिर्फ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में ही नहीं बल्कि गैर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी बढ़ रही है और यह बढ़ती मांग बता रही है कि एआई व एमएल की जरुरत श्रम क्षेत्र में कितनी तेजी से बढ़ रही है।
यह बात वित्त मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी मासिक रिपोर्ट (सितंबर बुलेटिन) में दी गई है। इसमें नौकरी जॉब इंडेक्स की उद्हरण देते हुए बताया गया है कि देश में नये व्हाईट कॉलर जॉब (कार्यालयों में काम करने वाले रोजगार के अवसर) में 10.1 फीसद की वृद्धि हुई है जबकि शून्य से तीन वर्ष का अनुभव रखने वालों के लिए रोजगार के अवसर में 15 फीसद की वृद्धि हुई है।
एआई और एमआर की मांग तेजी से बढ़ रही
बीमा, हेल्थ व रीयल एस्टेट सेक्टर में भी नौकरियों की संख्या बढ़ी हैं। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि गैर-आइटी सेक्टर में एआई और एमआर की मांग तेजी से बढ़ रही है जो देश में नौकरियों के परिदृश्य में बड़े बदलाव के बारे में बता रहा है।रिपोर्ट में देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई है।
वर्ष 2026 के शेष महीनों के बारे में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद जीएसटी में की गई कटौती और महंगाई के काबू में रहने की वजह से भारत की आर्थिक विकास दर की रफ्तार तेज बनी रहेगी। इस बारे में हाल ही में रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है।
6.4 से बढ़ा कर 6.5 फीसद अनुमान
आरबीआई ने वर्ष 2025-26 के दौरान भारत की विकास दर के अनुमान को 6.6 से बढ़ा कर 6.8 फीसद और आईएमएफ ने 6.4 से बढ़ा कर 6.5 फीसद कर दिया है। अमेरिका की तरफ से भारतीय आयात पर भारी भरकम 50 फीसद का टैक्स लगाने के बावजूद दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर, 2025) में भारतीय इकोनमी पर कोई असर नहीं पड़ने की बात कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'भारत का व्यापार प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है, जिसमें सेवा निर्यात में हो रही वृद्धि से माल व्यापार घाटे की भरपाई हो रही है। भले ही अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की बातचीत जारी हैं, सितंबर 2025 के माल व्यापार आंकड़ों से साफ हो रहा है कि भारत ज्यादा से ज्यादा देशों में अपने वस्तुओं का निर्यात कर रहा है। इसका शुरुआती प्रमाण मिल रहा है। सकल एफडीआई प्रवाह में वृद्धि भी देश की आकर्षक निवेश स्थल के रूप में अपील को दर्शाती है।' जीएसटी दर में की गई कमी के बावजूद इस पूरे साल महंगाई की स्थिति काबू में ही रहने की बात कही गई है।

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