अहमदाबाद में 2.21 करोड़ की ठगी से बाल-बाल बचे 3 बुजुर्ग, बैंक मैनेजरों ने फेल किया साइबर ठगों का प्लान
अहमदाबाद में तीन बुजुर्ग 2.21 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बाल-बाल बचे। बैंक मैनेजरों और म्यूचुअल फंड निवेशकों की सतर्कता से यह संभव हो ...और पढ़ें

: बैंक मैनेजरों की सतर्कता से 2.21 करोड़ की साइबर ठगी विफल (प्रतिकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले का शिकार सबसे अधिक बुजुर्ग लोग हो रहे हैं। साइबर ठग डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनके जीवनभर की कमाई को मिनटों में ऐंठ लेते हैं। ताजा मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है।
जहां, बैंक मैनेजरों और म्यूचुअल फंड निवेशकों की सतर्कता से तीन बुजुर्गों को 2.21 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी से बचाया गया है। साथ ही उनको डिजिटल अरेस्ट से बाहर निकाला गया।
दरअसल, तीनों मामले अहमदाबाद के अलग-अलग हिस्सों से सामने आए हैं। तीनों मामलों में साइबर ठगों का दबाव इतना ज्यादा था कि बुजुर्गों को असली पुलिस फ्रॉड का हिस्सा लग रही थी। दो जगहों पर तो बुजुर्गों ने पुलिसकर्मियों से बहस कर ली और स्थिति हाथापाई पर पहुंच गई।
आलम यह था कि बुजुर्ग किसी भी कीमत पर असली पुलिस की बात सुनने तक को तैयार नहीं थे। हालांकि, बुजुर्गों द्वारा अचानक बड़ी रकम निकालने या ट्रांसफर करने की जल्दबाजी ने बैंक और फंड मैनेजरों को सतर्क किया। जिसके कारण उनको साइबर ठगी से बचाया जा सका।
पहला मामला
घाटलोडिया इलाके की है। जहां साइबर ठगों के झांसे में आए 71 बुजुर्ग ने म्यूचुअल फंड से 93 लाख रुपए निकाले और 50 लाख रुपए की एफडी तुड़वाई। इसके बाद जब इतनी रकम एक साथ प्राइवेट बैंक खाते में भेजने लगे, तो फंड अधिकारी पलक दोशी को इस पर शक हुआ। उन्होंने इसकी सूचना तुरंत साइबर सेल को दी। जिसके बाद बैंक और पुलिस की मदद से ट्रांजेक्शन रोका गया और 1.43 करोड़ रुपए सुरक्षित बचा लिए गए।
दूसरा मामला
अहमदाबाद के सैटेलाइट इलाके से है, जहां सेंट्रल बैंक के 65 वर्षीय ग्राहक 45 लाख रुपए की एफडी तुड़वाकर ओडिशा के एक खाते में ट्रांसफर कराना चाहते थे। लेकिन शक होने पर बैंक मैनेजर ने पुलिस को सूचना दी, जांच में सामने आया कि बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट के दबाव में थे।
तीसरा मामला
मणिनगर इलाके में रहने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कोच से जुड़ी है। जहां महिला 33.35 लाख रुपए ट्रांसफर कराने बैंक पहुंचीं। बैंक मैनेजर ने देखा कि महिला लगातार वीडियो कॉल पर थीं। शक होने पर उन्होंने फोन अपने पास लिया और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद महिला को यह समझाने में घंटो लग गए की वह साइबर ठगी का शिकार हो रही थीं।

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