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केरल नन दुष्कर्म मामले में बिशप फ्रेंको मुलक्कल को कोर्ट ने किया बरी, एसपी हरिशंकर ने कहा फिर करेंगे अपील

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय एक के न्यायाधीश जी गोपाकुमार की अदालत में इस केस की सुनवाई पूरी कर यह फैसला सुनाया है। इस बीच फैसला सुनाए जाने से पहले कोट्टायम अतिरिक्त सत्र न्यायालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 11:27 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 02:31 PM (IST)
केरल नन दुष्कर्म मामले में कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गई। (फोटो एएनआइ)

कोट्टयम, एएनआइ। केरल के बहुचर्चित नन दुष्कर्म केस में आज कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बिशप फ्रेंको मुलक्कल को बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय एक के न्यायाधीश जी गोपाकुमार ने इस केस की सुनवाई पूरी कर यह फैसला सुनाया है। फैसले के बाद नन दुष्कर्म मामले में जांच का नेतृत्व करने वाले कोट्टायम के एसपी हरिशंकर ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि आरोपी को सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि वह पहले ही जांच और अभियोजन दल की बैठक आयोजित करने का फैसला कर चुके थे और वह दोबारा से अपील के लिए आगे बढ़ेंगे। गौरतलब है कि फैसला सुनाए जाने से पहले कोट्टायम अतिरिक्त सत्र न्यायालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।  

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पीड़िता के सबूत झूठे साबित हुए

फैसला आने के बाद फ्रेंको मुलक्कल के वकील सीएस अजयन ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने मामले को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है, पीड़िता द्वारा इस मुद्दे को उठाने में 4 साल की देरी की गई। उन्होंने कहा कि जिरह के दौरान उनके सबूत झूठे साबित हुए, अभियोजन पक्ष द्वारा एक ठोस चिकित्सा प्रमाण पत्र भी पेश नहीं किया गया। 

यह था मामला

बता दें कि नन ने 28 जून, 2018 को पुलिस में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। मामले में जालंधर के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल आरोपी थे। इस मामले की सुनवाई 83 गवाहों और 30 से अधिक सबूतों के आधार पर हुई थी। आरोपी पूर्व बिशप को 21 सितंबर, 2018 में अरेस्ट किया गया था। हालांकि, उन्हें 40 दिनों के बाद ही जमानत मिल गई थी।

2 साल में 14 बार दुष्कर्म का था आरोप

केरल की नन के यौन शोषण मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने की थी। मामले में टीम ने कोर्ट में 80 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। चार्जशीट में सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के कार्डिनल, मार जॉर्ज एलेनचेरी, तीन बिशप, 11 पुजारी और 22 नन के नाम शामिल थे। फ्रैंको ने केस रद्द कराने के लिए केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन दोनों कोर्ट ने मना कर दिया था।


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