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    बाढ़ प्रभावित किसानों को यहां से मिलेगी मदद, मोदी सरकार ने बनाया अलग पोर्टल; करना होगा ये काम

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक एकीकृत पोर्टल की घोषणा की है। यह पोर्टल किसानों को रियल टाइम समाधान देगा और सरकार को केंद्रीकृत डाटा उपलब्ध कराएगा। मंत्रालय की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। घटिया खाद बीज और कीटनाशकों से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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    फसल बीमा योजना से जुड़ी शिकायतों पर सरकार गंभीर (फाइल)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए एक समर्पित पोर्टल की घोषणा की है। अब तक शिकायतें अलग-अलग पोर्टलों और कॉल सेंटरों के जरिए बिखरी हुई आती थीं, जिन पर कार्रवाई की गति धीमी और ट्रैकिंग मुश्किल होती थी।

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    एकीकृत पोर्टल किसानों को न सिर्फ रीयल टाइम समाधान देगा, बल्कि केंद्र सरकार को शिकायतों का केंद्रीकृत डाटा भी उपलब्ध कराएगा। यह कदम सिर्फ तकनीकी सुविधा भर नहीं है, बल्कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की कार्यशैली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने की दिशा में बड़ी पहल है।

    दिल्ली में कृषि मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में सामने आया कि किसानों की अधिकतर शिकायतें घटिया खाद, बीज और कीटनाशकों से जुड़ी हैं। यह समस्या केवल आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी में ढिलाई नहीं, बल्कि राज्यों की निष्क्रियता और मिलावटखोर कंपनियों की बेलगाम गतिविधियों का नतीजा है।

    शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो- शिवराज

    शिवराज ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो और राज्यों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी। दूसरी बड़ी चुनौती प्राकृतिक आपदा है। पंजाब समेत कई राज्यों में बाढ़ से फसलों को नुकसान पहुंचा है। मंत्री का बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने का ऐलान और प्रभावित किसानों को हर संभव मदद का आश्वासन केंद्र की प्राथमिकताओं को सामने लाता है। लेकिन वास्तविक परीक्षा इस मदद को समय पर और पारदर्शी ढंग से जमीन पर उतारने की होगी।

    समेकित कृषि को बढ़ावा देना चाहती है सरकार

    किसानों के बीच अक्सर राहत की प्रक्रिया को लेकर अविश्वास रहता है, जिसे दूर करना सरकार की जिम्मेदारी होगी। खरीफ बुवाई में वृद्धि और बागवानी फसलों की स्थिति पर हुई चर्चा इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि सरकार अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर समेकित कृषि को बढ़ावा देना चाहती है। कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में यह रणनीति दीर्घकालिक रूप से किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक हो सकती है।

    फसल बीमा योजना से जुड़ी शिकायतों पर सरकार गंभीर

    समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना से जुड़ी शिकायतों पर भी गंभीरता दिखाई गई। ये दोनों योजनाएं सीधे किसानों की आर्थिक सुरक्षा से जुड़ी हैं और इनके क्रियान्वयन में थोड़ी भी लापरवाही किसान विश्वास को हिला सकती है। यही वजह है कि मंत्री ने अधिकारियों को किसानों से सीधा फीडबैक लेने का निर्देश दिया।

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