Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साल के खत्‍म होने से पहले मिल जाएगा समाधान, किसानों के साथ बातचीत जारी: कृषि मंत्री

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Fri, 18 Dec 2020 04:32 PM (IST)

    कृषि मंत्री ने इस बात का आश्‍वासन दिया है कि किसान और केंद्र के बीच जारी गतिरोध साल के अंत तक समाप्‍त हो जाएगा। किसानों के साथ वार्ता जारी है। सरकार ने संशोधनों के साथ किसानों को प्रस्‍ताव भेज दिया है।

    Hero Image
    साल के अंत तक हो जाएगा किसानों के समस्‍या का समाधान

    नई दिल्‍ली, प्रेट्र। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसकी गूंज राजनीतिक पक्ष में तो है ही सुप्रीम कोर्ट भी इससे नहीं बचा है। कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि यदि यह ऐसे ही जारी रहा तो राष्‍ट्रीय स्‍तर की समस्‍या बनते देर नहीं लगेगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि सरकार अनौपचारिक तौर पर विभिन्‍न समूहों से बात कर रही है ताकि यह समस्‍या खत्‍म हो सके लेकिन जो किसानों के जरिए हमला कर रहे हैं उनपर बात करने का कोई मुद्दा नहीं बनता। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    40 किसान यूनियन के साथ वार्ता के लिए केंद्र की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय राज्‍य मंत्री सोम प्रकाया  व खाद्य मंत्री पीयूष गोयल अगुवाई कर रहे हैं। इनका कहना है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों के हित में है और इसके लिए सरकार लिखित आश्‍वासन देने को तैयार है कि MSP और मंडी व्‍यवस्‍था जैसी है वैसे ही जारी रहेगी। 

    कृषि मंत्री ने उम्‍मीद जताई कि साल के खत्‍म होने से पहले किसानों की समस्‍या का समाधान हो जाना चाहिए। इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा, हम लगातार किसान यूनियनों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम वार्ता के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 

    मोदी विरोधी प्रदर्शन व कानूनों को लेकर किसानों की मांग पर पूछे गए सवाल को लेकर कृषि मंत्री ने कहा, ' प्रदर्शन में किसान हैं। कृषि मंत्री के तौर पर मैं उन्‍हें किसानों की तरह देख रहा हूं हम खेती को केंद्र में रखकर बात कर रहे हैं। किसानों के नेता से बात करने मेरा प्रयास होता है ताकि हम उनकी समस्‍याओं का सुलझा सकें।' उन्‍होंने आगे कहा, 'पहले किसानों के साथ पांच दौर की वार्ता हो चुकी है सरकार ने किसानों के नेता से पूछा कि उन्‍हें कानून के अंतर्गत किस धारा से समस्‍या है लेकिन वे यह नहीं स्‍पष्‍ट कर सके। इसलिए कुछ संशोधनों के साथ सरकार केंद्र ने एक मसौदा उनके पास भेजा।'