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    सेना ने किया साफ, अग्निवीरों के स्थाई सैनिक के रूप में रिटेंशन रेट 75% तक बढ़ाने की खबरें भ्रामक

    By Sanjay MishraEdited By: Shubham Tiwari
    Updated: Thu, 23 Oct 2025 08:55 PM (IST)

    सेना ने स्पष्ट किया है कि अग्निवीरों की भर्ती और स्थायी नियुक्ति के नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा। वर्तमान में, केवल 25% अग्निवीरों को ही स्थायी सैनिक के रूप में नियुक्त किया जाएगा, और इस सीमा को बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। सेना ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सैन्य कमांडर सम्मेलन में भी कोई चर्चा नहीं हुई। सेना ने इन खबरों को निराधार और भ्रामक बताया है।

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    ग्निवीरों के स्थाई सैनिक के रूप में रिटेंशन की 25 प्रतिशत सीमा में अभी कोई बदलाव नहीं (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सेना ने साफ किया है कि अग्निवीरों की वर्तमान भर्ती तथा स्थाई नियुक्ति के प्रविधानों में अभी किसी तरह के बदलाव का प्रस्ताव नहीं है। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही सेना में बतौर सैनिक स्थाई नियुक्ति मिलेगी।

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    अग्निवीरों की स्थाई नियुक्ति की मौजूदा 25 फीसद सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की सेना की कोई योजना नहीं है। इतना ही नहीं सेना ने यह भी कहा है कि अग्निवीरों की स्थाई नियुक्ति की कैपिंग बढ़ाने का विषय शुक्रवार को जसलमेर में शुरू हुए सैन्य कमांडर सम्मेलन के एजेंडे में भी नहीं है।

    सेना में अग्निवीरों की स्थाई नियुक्ति का कोटा बढ़ाने संबंधी खबरों को काल्पनिक और गलत करार देते हुए सेना ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि कि इस तरह की चर्चाएं सेना कमांडरों के सम्मेलन का हिस्सा नहीं हैं। साथ ही यह कहा कि अग्निवीरों को स्थाई रिटेंशन की दर में इजाफे की बात भी भ्रामक है।

    सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में अग्निवीरों की संख्या को मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने के प्रस्ताव से जुड़ी खबरों को गलत बताते हुए सेना ने यह बयान जारी किया।

    तीनों सेनाओं में हुई भर्ती

    मालूम हो कि सेना में अग्निवीर भर्ती की 2022 में लागू नई व्यवस्था के तहत अग्निवीरों का पहला बैच अगले साल अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करेगा। तीनों सेनाओं में भर्ती किए गए। अग्निवीरों के इस पहले बैच से तय मानकों पर खरा उतरने वाले 25 प्रतिशत जवानों को ही स्थाई सैनिक के रूप में रखा जाएगा।

    हालांकि अग्निवीर से रिटायर होने वाले जवानों को केंद्रीय अद्धसैनिक बलों की नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। कुछ राज्यों की सरकारों तथा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने भी अग्निवीर को अपने यहां एक निश्चित प्रतिशत में रोजगार देने की घोषणाएं कर रखी हैं।