CJI मामले में कमिटी की सुनवाई के बाद होगी सुप्रीम कोर्ट में फिक्सिंग की जांच
Harassment allegations against CJI के आरोपों की आंतरिक जांच कमेटी द्वारा की जा रही जांच पूरी होने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट में बेंच फिक्सिंग के आरोपों की जांच शुरू होगी।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश पर लगे अमर्यादित आचरण (Harassment allegations against CJI) के आरोपों की आंतरिक जांच कमेटी द्वारा की जा रही जांच पूरी होने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट में बेंच फिक्सिंग के आरोपों की जांच शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक को सुप्रीम कोर्ट में बेंच फिक्सिंग और मुख्य न्यायाधीश को फंसाने के पीछे बड़ी साजिश के आरोपों की जांच सौंपी है।
सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से उनका आदेश और वकील उत्सव बेंस का फिक्सिंग का आरोप लगाने वाला हलफनामा और अन्य सामग्री जस्टिस पटनायक को भेजने का आदेश दिया था। शुक्रवार को जस्टिस पटनायक ने दैनिक जागरण को बताया कि वह इस मामले की जांच मुख्य न्यायाधीश पर लगे अमर्यादित आचरण के आरोपों की आंतरिक जांच समिति द्वारा की जा रही जांच पूरी होने के बाद शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों जांच के बीच कोई टकराव न हो इसलिए वह उन्हें सौंपी गई जांच बाद में करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जांच पूरी होने की कोई समयसीमा तय नहीं की है इसलिए वह बाद में जांच शुरू करेंगे। मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश पर अमर्यादित व्यवहार के आरोपों की जांच आंतरिक जांच समिति ने शुक्रवार से शुरू कर दी है।
वकील उत्सव बेंस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया था कि मुख्य न्यायाधीश को अमर्यादित आचरण के आरोपों में फंसाने के पीछे बड़ी साजिश है और इस साजिश में सुप्रीम कोर्ट के नौकरी से निकाले गए पूर्व कर्मचारी और बेंच फिक्सिंग में लगी कारपोरेट लाबी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने गत गुरुवार को बेंस के हलफनामे में लगाए गए बेंच फिक्सिंग के आरोपों पर गंभीर टिप्पणियां करते हुए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एके पटनायक को सौंप दी थी। साथ ही कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक, आइबी निदेशक व दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जस्टिस पटनायक को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था।