Move to Jagran APP

UP: साढ़े छह साल बाद भी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स गठित नहीं

राष्ट्रीय पशु बाघ की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की उदासीनता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन का मसला पिछले साढ़े छह वर्षों से कागजों में चल रहा है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2016 01:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2016 06:03 AM (IST)

लखनऊ । राष्ट्रीय पशु बाघ की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की उदासीनता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन का मसला पिछले साढ़े छह वर्षों से कागजों में चल रहा है। फोर्स के गठन के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने और अधिसूचना जारी होने के तीन साल बाद भी इसका गठन सिर्फ इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि बाघों की हिफाजत के लिए गठित किये जाने वाले इस सशस्त्र बल के कार्मिकों की सेवा नियमावली अब तक नहीं बन पायी है।

loksabha election banner

UNSAFE TIGER : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 60 दिनों में 3 बाघों की मौत

बाघों को शिकारियों से बचाने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने 11 अगस्त 2009 को दुधवा टाइगर रिजर्व में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएफ) का गठन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किया था। प्रोजेक्ट टाइगर के तहत शत-प्रतिशत वित्त पोषित इस योजना के तहत दुधवा टाइगर रिजर्व के लिए 112 सदस्यीय फोर्स गठित की जानी है।

कुशीनगर बाघ और बिजनौर में गुलदार की हत्या

फोर्स के गठन के लिए एनटीसीए मार्च 2010 में राज्य सरकार को 93 लाख रुपये की धनराशि जारी कर चुका है। एसटीपीएफ के गठन को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में 17 सितंबर 2012 को हुई बैठक के बाद पांच जनवरी 2013 को कैबिनेट ने टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

12 फरवरी 2013 को दुधवा टाइगर रिजर्व में एसटीपीएफ के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसके तीन साल बाद भी एसटीपीएफ के सुरक्षा कार्मिकों की सेवा नियमावली नहीं बन पायी है। एनटीसीए के दिशानिर्देश के मुताबिक फोर्स में तैनात होने वाले सुरक्षा कार्मिकों की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होनी चाहिए। इसी आधार पर वन विभाग ने एसटीपीएफ के सुरक्षा कार्मिकों की सेवा नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर गृह, कार्मिक और न्याय विभागों को भेजते हुए उस पर उनका अभिमत मांगा था।

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक एसटीपीएफ के डिप्टी कमांडेंट और तीन सब इंस्पेक्टर पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर लिये जाएंगे। कांस्टेबल की भर्ती में टेरिटोरियल आर्मी में दो साल की सेवा करने वाले या एनसीसी के 'बी' सर्टिफिकेट धारक को वरीयता देने का प्रस्ताव है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सेवा नियमावली पर गृह विभाग का अभिमत अभी प्राप्त नहीं हुआ है। प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा ने कहा कि टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन के बारे में वन विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जिस पर गृह विभाग उन्हें अपना अभिमत शीघ्र उपलब्ध करा देगा।

ऐसी होगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स

प्रस्तावित स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में डिप्टी एसपी रैंक का एक डिप्टी कमांडेट, तीन सब इंस्पेक्टर, 18 हेड कांस्टेबल और 90 कांस्टेबल होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.