एक ही जुर्म के लिए 14 साल की कैद के बाद दोबारा 3 साल की जेल
बैंक के एक मैनेजर को लोन स्कैम के कारण 14 साल की कैद काटनी पड़ी लेकिन रिहाई मिलने के बाद फिर से 3 साल तक जेल की सजा सुनाई गई है।
अहमदाबाद (जेएनएन)। एक ही अपराध के लिए दो-दो बार सजा दिया जाना कहां तक उचित है... नवरंगपुरा ब्रांच स्थित पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व मैनेजर, 66 वर्षीय दीपक कुमार कोहली को 25 लाख रुपये के लोन स्कैम मामले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को फिर से तीन साल की जेल की सजा दी, जबकि इस जुर्म के लिए वे 14 साल जेल की सजा भुगत चुके हैं।
कोहली पहले ही निर्धारित सजा से ज्यादा वक्त जेल में काट चुके हैं, क्योंकि जिस अपराध के तहत उन्हें दोषी पाया गया था, उसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। 2013 में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा जमानत स्वीकार किए जाने के बावजूद कोहली जेल में थे। उन्हें 2002 के अक्टूबर माह में गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2002 में उन्होंने बिना जमीनी कागजात का वैरिफिकेशन पूरा किए करीब 3.5 करोड़ रुपये 40 लोगों के अकाउंट में डलवा दिए। इसके बाद जरूरी दस्तावेजों को सही न पाए जाने की वजह से कोहली को 70 मामलों में दोषी पाया गया।
70 मामलों में से नवरंगपुरा पुलिस ने 6 मामलों में चार्जशीट नहीं फाइल की। अगस्त, 2013 में कोहली को 30 मामलों में कोर्ट से रिहाई मिल गई थी, लेकिन बाकी मामलों में उनके ऊपर 2014 में फिर से ट्रायल शुरू हुआ। बाकी बचे हुए मामलों में प्रति केस 5 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई। मुचलका भरने के बाद भी कोहली जेल से बाहर नहीं आ सके, क्योंकि पुलिस ने 6 मामलों में चार्जशीट ही फाइल नहीं की थी और दस्तावेज न मिलने की वजह से उनकी रिहाई अटक गई।
कोहली के साथ सीबीआई कोर्ट ने रितेश सेठ, अपूर्वा शाह, वर्षा सेठ, हसमुख गांधी और ज्योत्सना भट्ट को विभिन्न धाराओं में सजा दी और सब पर 5000 रुपये जुर्माने की सजा है।