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    जैबुन्निसा सहित सात दोषियों को भी चार हफ्ते की मोहलत

    By Edited By:
    Updated: Thu, 18 Apr 2013 10:00 PM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता संजय दत्त के बाद गुरुवार को 1

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता संजय दत्त के बाद गुरुवार को 1993 के मुंबई बम धमाके मामले में जैबुन्निसा सहित सात अन्य दोषियों को भी समर्पण के लिए चार सप्ताह की मोहलत दे दी। कोर्ट ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि इसके बाद और समय नहीं दिया जाएगा। कोर्ट द्वारा समर्पण के लिए तय समयसीमा गुरुवार को ही खत्म होनी थी। अगर कोर्ट से छूट नहीं मिलती तो इन सभी को अपनी सजा भुगतने के लिए गुरुवार को जेल जाना पड़ता।

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    न्यायमूर्ति पी सतशिवम और बीएस चौहान की पीठ ने दोषियों की ओर से पेश किए गए चिकित्सीय और मानवीय आधारों पर विचार करने के बाद उन्हें चार हफ्ते की राहत दे दी। जिन लोगों को राहत मिली है उनमें जैबुन्निसा, अब्दुल गफूर, इशहाक मुहम्मद, केसरी बापूजी अदजानिया, आफताब अली सैयद, अंजुम अब्दुल रजाक मेमन और यूसुफ नलवाला शामिल हैं। कोर्ट ने हालांकि युसुफ खान की समर्पण के लिए कुछ और वक्त मांगने की याचिका खारिज कर दी। पांच साल की सजा पाए यूसुफ ने अपनी अर्जी में उसकी पुनर्विचार याचिका लंबित होने को आधार बनाया था, लेकिन जब तक उसकी अर्जी सुनवाई पर आई पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी थी।

    जैबुन्निसा की ओर से दलील दी गई थी कि वह 70 वर्ष की है और कैंसर से पीड़ित है। जैबुन्निसा ने चार सप्ताह का समय मांगा था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जैबुन्निसा को पांच साल कैद की सजा मिली है। इशहाक मुहम्मद, अब्दुल गफूर व अंजुम अब्दुल रजाक मेमन की ओर से भी ज्यादा उम्र और बीमारी का आधार देते हुए राहत मांगी गई थी। तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। राहत पाने वाले एक अन्य दोषी अल्ताफ अली सैयद को दस साल जबकि बापूजी अदजानिया को एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। अदजानिया के कारखाने में ही संजय दत्त की एके 56 रायफल नष्ट की गई थी। इन दोनों ने भी अधिक उम्र और बीमारी को आधार बनाया था।

    उल्लेखनीय है कि जैबुन्निसा, अब्दुल गफूर और इशहाक मुहम्मद की रिट याचिकाएं इससे पहले मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ खारिज कर चुकी थी। लेकिन, बुधवार को संजय दत्त को राहत मिलने के बाद इन तीनों ने गुरुवार को नई याचिकाएं दाखिल कर चिकित्सा और अधिक उम्र को आधार बनाते हुए फिर से राहत की गुहार लगाई थी।

    जिन्हें मिली राहत

    दोषी - सजा

    जैबुन्निसा - पांच साल

    अब्दुल गफूर - उम्रकैद

    इशहाक मुहम्मद - उम्रकैद

    केसरी बापूजी अदजानिया - एक साल

    आफताब अली सैयद - दस साल

    अंजुम अब्दुल रजाक मेमन - उम्रकैद

    यूसुफ नलवाला - पांच साल

    25 और दोषियों का समर्पण

    मुंबई। 1993 के मुंबई बम धमाकों के 25 और दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई रियायत न मिलने पर टाडा की विशेष अदालत के समक्ष गुरुवार को समर्पण कर दिया। विशेष जज जीए सनप ने इन सभी को ऑर्थर रोड सेंट्रल जेल भेजने का निर्देश दिया। बुधवार को भी 11 दोषियों ने समर्पण किया था।

    गुरुवार को जिन दोषियों ने समर्पण किया उन्हें हथियार रखने, साजिश रचने और रायगड़ जिले के शेखादि तट पर आरडीएक्स व कारतूस पहुंचाने का दोषी पाया गया है। आरोप है कि तबाही के सामान पाकिस्तान से फरार आरोपी टाइगर मेमन ने भिजवाए थे। इस सभी को पांच से 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इनमें से कई दोषियों ने ट्रायल के दौरान चार साल से ज्यादा समय तक जेल में भी रह चुके हैं। टाडा के विशेष न्यायाधीश ने कहा कि यदि शनिवार तक बचे दोषी समर्पण नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा।

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