आखिर क्या है MLA और MLC में अंतर, कौन है दोनों में ज्यादा शक्तिशाली; आइए जानतें हैं सबकुछ
एमएलए और एमएलसी दोनों ही राज्य की राजनीतिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। । हालांकि दोनों के बीच को अंतर को लेकर कई बार लोग दुविधा में पड़ जाते हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि दोनों में क्या अंतर है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ऐसी है, जहां जनता ही जनार्दन है। जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही देश की नीति निर्धारित करते हैं। केंद्र की तरह कई राज्यों में भी दो सदन होते हैं। विधानसभा में एमएलए बैठते हैं तो विधान परिषद में एमएलसी।
दोनों ही राज्य की राजनीतिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। । हालांकि, दोनों के बीच को अंतर को लेकर कई बार लोग दुविधा में पड़ जाते हैं। आइए, आज हम आपको बताते हैं कि दोनों में क्या अंतर है।
आखिर क्या होता है एमएलए
एमएलए की फुलफॉर्म Member of legislative Assembly(MLA) होती है, जो कि राज्य की विधानसभा का सदस्य होता है। एमएलए बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 25 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, इनका कार्यकाल पांच साल का होता है।
राज्य में जिस दल के विधायक आधे से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में जीत जाते हैं, राज्य में उस दल को बहुमत में माना जाता है। बहुमत प्राप्त करने वाले दल को सत्ता पक्ष, जबकि अन्य को विरोधी पक्ष कहा जाता है। एक MLA एक कैबिनेट मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक भी हो सकता है। हालांकि, यह उसके राजनीतिक दल द्वारा तय किया जाता है।
क्या होता है MLC
MLC यानि विधान परिषद के सदस्य, जिसके लिए कम से कम 30 वर्ष की आयु अनिवार्य है। वहीं, इनका कार्यकाल छह वर्ष का होता है। विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव सीधे तौर पर नहीं किया जाता है।
कैसे होता है एमएलए का चुनाव
MLA का चुनाव सीधे तौर पर जनता द्वारा किया जाता है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या निर्धारित होती है, जो कि मतदान कर अपनी पसंद का विधायक चुनते हैं।
कैसे चुने जाते हैं एमएलसी
विधान परिषद सदस्य का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। यानि इनका चुनाव जनता नहीं, बल्कि जनता द्वारा चुने गए लोगों के द्वारा भी किया जाता है। परिषद के एक-तिहाई सदस्यों का चुनाव विधायक द्वारा किया जाता है। वहीं, एक-तिहाई सदस्य नगर पालिका, नगर पंचायत और जिला पंचायत की ओर से चुने जाते हैं। इसके अलावा 1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 को पंजीकृत ग्रेजुएट चुनते हैं।
क्या होती है एमएलए की जिम्मेदारी
विधानसभा के सदस्यों की जिम्मेदारी अपने क्षेत्र की होती है। ये अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को विधानसभा में पेश करते हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा पेश की जाने वाली योजनाओं को भी अपने क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचाते हैं। MLA के पास पानी, बिजली, सड़क, सीवर, राशन और क्षेत्र के अन्य मुद्दे होते हैं।
विधान परिषद का नियम
आपको यह भी बता दें कि विधान परिषद में विधानसभा के एक निश्चित संख्या से अधिक सदस्य मौजूद नहीं होने चाहिए।
MLA और MLC में कौन ज्यादा शक्तिशाली
MLA और MLC में कोई बड़ा-छोटा नहीं, बल्कि दोनों का ही दर्जा बराबर होता है। दोनों का चुनाव अलग-अलग होता है, लेकिन दोनों ही कानून व नियमों के तहत काम करते हैं। आपको यह भी बता दें कि पूरे देश में सिर्फ छह राज्यों में ही विधान परिषद है, जिसमें उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश शामिल है।