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हाशिए पर धकेले गए आडवाणी ने कार्यकारिणी में नहीं दिया भाषण

केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नए सत्ता समीकरण में हाशिए पर धकेले गए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अटकलों के अनुरूप ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित नहीं किया। दो दिवसीय बैठक शनिवार को समाप्त हो गई। लेकिन आडवाणी के भाषण नहीं देने को लेकर पार्टी ने कोई स्पष्टीकरण

By Sachin kEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2015 10:09 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2015 07:31 PM (IST)

बेंगलुरु। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नए सत्ता समीकरण में हाशिए पर धकेले गए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अटकलों के अनुरूप ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित नहीं किया। दो दिवसीय बैठक शनिवार को समाप्त हो गई। लेकिन आडवाणी के भाषण नहीं देने को लेकर पार्टी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। वैसे पहले से ही आशंका जताई जा रही थी आडवाणी अपने भाषण में कुछ असहज बातें कह सकते हैं, इसलिए उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाए।
पार्टी के 35 वर्षो के इतिहास में यह दूसरा मौका है, जब आडवाणी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित नहीं किया है। इसके पहले 2013 में गोवा में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से वह गैरहाजिर रहे थे। उसी बैठक में नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था। उसके बाद उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बाद में उसे वापस भी लिया। लेकिन तभी से आडवाणी को धीरे-धीरे हाशिए पर धकेला जाने लगा।
लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर भी चर्चा रही कि मोदी से नाराज आडवाणी गांधीनगर से नहीं बल्कि भोपाल से लड़ना चाहते थे। अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया। आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को नवसृजित मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बनाया गया।
आडवाणी के भाषण नहीं दिए जाने के बारे में प्रेस कांफ्रेंस में पूछे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा- 'पार्टी की अंदरूनी फैसले की बात की चर्चा हम मीडिया में नहीं करते हैं। हम पार्टी के कार्यक्रम कैसे तय करते हैं, यह आपको नहीं बता सकते। ऐसा तो आरटीआई और पारदर्शिता की दुनिया में भी नहीं होता है।'
हालांकि इस मामले को ठंडा करने के इरादे से उन्होंने कहा- 'आडवाणीजी एक वरिष्ठ नेता हैं और वह अपनी इच्छा से किसी भी समय किसी भी फोरम से पार्टी को अपना मार्गदर्शन दे सकते हैं।' इस मसले पर मीडिया में आई रिपोर्टो को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी व्यवस्थाएं होती हैं, हम सभी मिलकर करते हैं।
इसके पहले केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आडवाणीजी पार्टी के सम्मानित वरिष्ठ नेता हैं और हमारे साथ हैं तथा सर्वाधिक सम्मानित मार्गदर्शक बने रहेंगे।

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