रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में आस्था बनी समस्या, जानिए क्या है पूरा मामला
दीपावली के दौरान नोटों और जेवरों की सजावट के लिए ख्यात महालक्ष्मी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दी गई 50 हजार से अधिक की राशि लौटाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है।
रतलाम, नईदुनिया। मध्य प्रदेश के रतलाम में महालक्ष्मी मंदिर में आस्था लोगों के लिए समस्या बन गई है। दीपावली के दौरान नोटों और जेवरों की सजावट के लिए ख्यात महालक्ष्मी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दी गई 50 हजार से अधिक की राशि लौटाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। चुनाव आयोग को शिकायत होते ही शनिवार सुबह अधिकारी मंदिर पहुंचे और सजावट के लिए आई नगदी सहित अन्य जानकारियां जुटाई।
50 हजार से अधिक राशि देने वालों के नाम-पते सहित पूरी जानकारुी अधिकारी अपने साथ ले गए। हर बार की तरह महालक्ष्मी मंदिर को दीपोत्सव पर करुोड़ों रुपए की नगदी, हीरे-जवाहरात व आभूषण से सजाया गया था। दीपावली का पांच दिनी उत्सव खत्म होने पर मंदिर में सजावट के लिए आई नगदी और आभूषण लौटाने का क्रम जारी था। आधे से अधिक धनराशि लौटाई भी जा चुकी थी पर अधिकारियों के पहुंचने के बाद पुजारी ने 50 हजार रुपए से ज्यादा राशि देने वालों को इसे लौटाने से मना कर दिया तो लोग थाने पहुंचे।
पुजारी को थाने बुलाया गया। यहां पुजारी ने लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश बताए। दरअसल निर्वाचन आयोग को करोड़ों रुपये मंदिर में आने की शिकायत पहुंचते ही शनिवार सुबह एसडीएम राहुल धोटे, तहसीलदार गोपाल सोनी व पटवारियों का दल मंदिर पहुंचा। उन्होंने पुजारी से मंदिर में आई कुल राशि व अन्य सामान की जानकारी ली। अधिकारियों का कहना है कि अनधिकृत रूप से मंदिर में नगदी जमा करने की शिकायत हुई है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन मंदिर पर आई नगदी को लेकर ऑडिट भी करा सकता है। 18 से 20 लोग ऐसे हैं जिन्होंने 50 हजार से अधिक की राशि मंदिर में सजावट के लिए दी है। रजिस्टर में इनके फोटो और नाम-पते दर्ज हैं, जिसे अधिकारी साथ ले गए हैं। इनमें से कुछ शहर के व्यापारी हैं, जिन्होंने एक-एक लाख रुपए भी सजावट के लिए दिए हैं।
रतलाम शहर के एसडीएम राहुल धोटे का कहना है कि अभी ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। 50 हजार से अधिक राशि लौटाने के लिए मना किया है। कुछ लोगों के फोन आए थे, उन्हें समझाया गया है। सजावट के लिए आई नगदी की पूरी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी जा रही है।