Aditya L1 Mission: निगार शाजी के नेतृत्व में विज्ञानियों के परिश्रम का फल है आदित्य एल1
शाजी मूल रूप से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 55 किमी दूर स्थित तेन्काशी की रहने वाली हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी की। उन्होंने मदुरई स्थित कामराज विवि से इलेक्ट्रानिक्स व संचार में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) की डिग्री हासिल की। उन्होंने बीआइटी रांची से इलेक्ट्रानिक्स में पीजी डिग्री प्राप्त की। वह बेंगलुरु में इसरो के सेटेलाइट टेलीमेट्री सेंटर की प्रमुख भी रह चुकी हैं।

श्रीहरिकोटा, एजेंसी: भारत के पहले सूर्य मिशन की सफलता इस परियोजना की निदेशक निगार शाजी के नेतृत्व में विज्ञानियों और उनकी टीम के कठिन परिश्रम का फल है। इसरो में गत 35 साल से सेवाएं दे रहीं शाजी ने भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और उपग्रह कार्यक्रम में विभिन्न जिम्मेदारियों का निवर्हन किया है।
शाजी 1987 में इसरो के उपग्रह केंद्र से जुड़ीं। वह रिसोर्ससेट-2ए की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थीं, जो राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए भारतीय रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट है। शाजी मूल रूप से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 55 किमी दूर स्थित तेन्काशी की रहने वाली हैं।
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उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी की। उन्होंने मदुरई स्थित कामराज विवि से इलेक्ट्रानिक्स व संचार में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) की डिग्री हासिल की। उन्होंने बीआइटी, रांची से इलेक्ट्रानिक्स में पीजी डिग्री प्राप्त की। वह बेंगलुरु में इसरो के सेटेलाइट टेलीमेट्री सेंटर की प्रमुख भी रह चुकी हैं।
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