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    मालदा में आदिनाथ हिंदू मंदिर की सुरक्षा की क्यों उठ रही मांग, क्या है इतिहास?

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 11:27 PM (IST)

    भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने राज्यसभा में मालदा के आदिनाथ हिंदू मंदिर की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने मंदिर को स्मारक घोषित करने और ASI से जांच ...और पढ़ें

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    भाजपा नेता ने आदिनाथ मंदिर की सुरक्षा मांगीइमेज- सोशल मीडिया

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने बंगाल के मालदा जिले में स्थित प्राचीन आदिनाथ हिंदू मंदिर की सुरक्षा की मांग की और इसे स्मारक घोषित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस मंदिर की कलाकृतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की।

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    राज्यसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मंदिर के ऐतिहासिकता का पता लगाने के लिए जांच करना चाहिए। मंदिर में गणेश की मूर्ति, शिवलिंग और लक्ष्मी की मूर्ति शामिल हैं।

    उन्होंने कहा, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि मालदा के आदिनाथ मंदिर की सुरक्षा की जाए और इसे टिकट लेकर देखे जाने वाला स्मारक घोषित किया जाए। बंगाल से राज्यसभा सदस्य भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि कुछ लोग इसे मस्जिद बताने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वहां हिंदू मूर्तियों के अवशेष मिले हैं। इस बारे में उचित जांच होनी चाहिए।

    उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ उपद्रवियों ने सब-ए-बरात के दिन मंदिर पर पत्थर फेंके हैं। ऐसे प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।भट्टाचार्य ने कहा, हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को नहीं छोड़ सकते। यह बाबर और राम के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने और सुरक्षित रखने की लड़ाई है।

    भाजपा नेता ने कहा कि जितु संथाल ने मालदा के पांडुआ में इस मंदिर के पुनस्र्थापन के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि 1865-1867 के दौरान मालदा के कलेक्टर ने विभिन्न साक्ष्यों का दस्तावेजीकरण किया, जो इस स्थल को एक हिंदू मंदिर के रूप में दर्शाते हैं।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)