Air India के खिलाफ आपातकालीन स्लाइड जांच में लापरवाही पर कार्रवाई शुरू, केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहाल ने संसद में बताया कि डीजीसीए ने एअर इंडिया के खिलाफ आपातकालीन स्लाइड की जांच में देरी के कारण कार्रवाई शुरू की है। एअर इंडिया के आडिट के दौरान डीजीसीए को यह खामी मिली जिसके बाद विमान को ग्राउंड कर दिया गया। डीजीसीए ने एअर इंडिया और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ प्रवर्तन नीति के अनुसार कार्रवाई शुरू की है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहाल ने संसद को बताया कि नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए ने एअर इंडिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, क्योंकि एक विमान की आपातकालीन स्लाइड की जांच समय पर नहीं की गई थी।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने सोमवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि एअर इंडिया के आडिट के दौरान डीजीसीए ने पाया कि आपातकालीन स्लाइड की जांच समय पर नहीं की गई थी। डीजीसीए ने तुरंत विमान को ग्राउंड कर दिया जब तक आवश्यक सुधार नहीं किया गया। डीजीसीए ने एअर इंडिया और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ प्रवर्तन नीति और प्रक्रिया मैनुअल के अनुसार कार्रवाई शुरू की है।
केंद्रीय मंत्री से द्रमुक सांसद ने पूछा था सवाल
उन्होंने बताया कि विशिष्ट विवरण जैसे कि ऑडिट कब किया गया और कार्रवाई कब शुरू की गई इसको उजागर नहीं किया गया है। द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा के प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहाल ने यह जानकारी दी। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार को पता है कि जून में दुर्घटनाग्रस्त हुए एआइ 171 एअर इंडिया की ओर से संचालित विमान दुर्घटना से पहले के हफ्तों में उन्हें अनिवार्य सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए आपातकालीन स्लाइड की जांच के बिना उड़ान भरने की अनुमति दी गई थी।
सदस्य ने यह भी जानना चाहा कि क्या डीजीसीए पर नियामक निगरानी में विफलता के लिए जिम्मेदारी तय की गई है? हाल के समय में एअर इंडिया विभिन्न लापरवाहियों के लिए डीजीसीए की जांच के दायरे में आ गई है।
एयरलाइनों की निगरानी
उन्होंने कहा कि डीजीसीए एयरलाइनों और उनके कर्मचारियों की निगरानी, स्पॉट चेक और रात की निगरानी के माध्यम से सभी सुरक्षा और रखरखाव मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करता है। उल्लंघन की स्थिति में डीजीसीए प्रवर्तन नीति और प्रक्रिया मैनुअल में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्रवाई करता है। प्रवर्तन कार्रवाई में एयरलाइनों/कर्मचारियों पर चेतावनी, निलंबन, रद्दीकरण और वित्तीय दंड का आरोपण शामिल है। डीजीसीए के अधिकारी निगरानी और प्रवर्तन कार्य को करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं।
12 हेलीकाप्टर दुर्घटनाएं
सरकार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 12 पंजीकृत हेलीकाप्टरों की दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 30 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से सात उत्तराखंड में हुईं। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहाल ने राज्यसभा में बताया कि डीजीसीए ने चारधाम यात्रा के लिए हेलीकाप्टर संचालन की अतिरिक्त निगरानी और सुरक्षा आडिट शुरू किया है। इनमें से सात उत्तराखंड में, चार महाराष्ट्र में और एक छत्तीसगढ़ में हुई।
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