Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कनाडा में मिले थे NSA डोभाल और नाथाली, बैठक के बाद शुरू हुआ एसजेएफ के खिलाफ एक्शन

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 24 Sep 2025 07:30 AM (IST)

    कनाडा के खालिस्तान समर्थक पीएम जस्टिन ट्रूडो के जमाने में भारत-कनाडा के जिन संबंधों में दरार आ गई थी अब नए पीएम मार्क कार्नी के शासन में उसको पाटने के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल की गिरफ्तारी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जांच एजेंसियों ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

    Hero Image
    कनाडा में एसजेएफ के खिलाफ एक्शन डोभाल से बैठक के बाद शुरू (फाइल फोटो)

     आईएएनएस, नई दिल्ली। कनाडा के खालिस्तान समर्थक पीएम जस्टिन ट्रूडो के जमाने में भारत-कनाडा के जिन संबंधों में दरार आ गई थी अब नए पीएम मार्क कार्नी के शासन में उसको पाटने के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं।

    एसएफजे के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है

    कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल की गिरफ्तारी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जांच एजेंसियों ने सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसका सीधा असर अजीत डोभाल और नाथाली जी ड्राइन की द्विपक्षीय बैठक के बाद देखने को मिला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों के अनुसार कनाडा की खुफिया एजेंसियों के यह रिपोर्ट देने के बाद कि खालिस्तानी आतंकी तत्व अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में कनाडा की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस सकारात्मक संकेत के बाद भारत को भी लगने लगा है कि कनाडा ने आतंकवाद के खिलाफ काम करने के मुद्दे को गंभीरता से लेना शुरू किया है।

    18 सितंबर को नई दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल और उनकी समकक्ष नाथाली जी ड्राइन के बीच बैठक के बाद उन्होंने कहा, ''हमने अपनी सुरक्षा ¨चताओं पर चर्चा की और गैर-हस्तक्षेप का वचन दिया है।''

    अजीत डोभाल की टीम कनाडा की टीम के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि गोसाल की गिरफ्तारी कनाडा में हुई है।

    ध्यान रहे कि खालिस्तानी आतंकी गोसाल कनाडा में प्रतिबंधित एसएफजे का मुख्य समन्वयक है और वह पंजाब से अलग खालिस्तान राष्ट्र के लिए समर्थन जुटाने के लिए कई जनमत संग्रह आयोजित करने के लिए जिम्मेदार था।

    भारतीय एजेंसियां नियमित रूप से कनाडा में अपने समकक्षों के साथ खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं। जबकि बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे संगठनों के बारे में जानकारी साझा की जा रही है, इस बार ध्यान मुख्य रूप से एसएफजे पर केंद्रित है।

    एसएफजे संगठन कहीं अधिक खतरनाक है

    भारतीय अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि एसएफजे, बब्बर खालसा इंटरनेशनल के विपरीत सशस्त्र संघर्ष नहीं कर रहा है, लेकिन यह सच है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा नेतृत्व किए जाने वाला यह संगठन कहीं अधिक खतरनाक है।

    एसएफजे खालिस्तान आंदोलन का प्रचार विंग चलाता है। अधिकांश अभियानों का केंद्र खालिस्तान निर्माण के इर्द-गिर्द घूमता है। इसने बार-बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लक्षित किया और उनकी हत्या की मांग की है।

    एसएफजे भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शनों घुसने की कोशिश कर रहा था

    एसएफजे भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था, जिसका उद्देश्य सिख समुदाय को उग्र बनाना और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रेरित करना था। भारत ने कई मौकों पर यह इंगित किया है कि यदि कनाडा ने कार्रवाई नहीं की, तो यह जल्द ही उनके लिए हानिकारक हो जाएगा।