विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अब जुलाई में, पढ़ें- यूजीसी की नई गाइडलाइंस
विश्वविद्यालयों में शैक्षिक सत्र नए छात्रों के लिए सितंबर से और पहले से पंजीकृत छात्रों के लिए अगस्त से शुरू होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आज इसकी जानकारी दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संकट के चलते ऊहापोह में फंसे विश्वविद्यालयों को फिलहाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आगे बढ़ने की राह दिखाई है। इसके तहत अब वे जुलाई में परीक्षाएं करा सकेंगे। हालांकि सबसे पहले फाइनल सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं होंगी। बाद में दूसरे सेमेस्टरों की परीक्षाएं कराई जाएंगी। इस तरह नए शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई भी अगस्त से शुरू हो जाएगी। हालांकि विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले नए छात्रों की कक्षाएं सितंबर से होंगी। लेकिन इसका फैसला सभी बोर्डो के परीक्षा परिणामों पर निर्भर करेगा। जिसके चलते विश्वविद्यालय इसे आगे-पीछे भी कर सकेंगे।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं और नए शैक्षणिक सत्र की प्रस्तावित गाइडलाइंस बुधवार को जारी कर दीं। इसमें यूजीसी ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए एक कोविड सेल गठित करने का सुझाव दिया है जो विश्वविद्यालयों में कोरोना संक्रमण को लेकर तय सुरक्षा मानक तैयार करेगी। साथ ही उनका सख्ती से पालन भी कराएगी।
यूजीसी ने इसके साथ ही जुलाई में होने वाली परीक्षाओं की अवधि को तीन घंटे से घटाकर दो घंटे करने का सुझाव दिया है। इसके लिहाज से प्रश्नपत्र भी तैयार करने का सुझाव दिया है। हालांकि सभी विश्वविद्यालयों को जुलाई में परीक्षा कराने के पैटर्न को लेकर स्वतंत्रता दी है। जो ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी मोड में करा सकेंगे। यूजीसी ने इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों से अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट 31 जुलाई तक और बाकी अन्य सेमेस्टर का रिजल्ट 14 अगस्त तक जारी करने का सुझाव दिया है। विश्वविद्यालयों की पढ़ाई अगस्त से ही शुरू करने को कहा है। इस बीच सभी विश्वविद्यालयों से कोर्स का 25 फीसद हिस्सा अब ऑनलाइन पढ़ाने और शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने का प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है।
एक अगस्त से शुरू होगी नई प्रवेश प्रक्रिया
यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से एक अगस्त से नई प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय सभी शैक्षणिक बोर्डो के रिजल्ट की घोषणा के आधार पर होगा। फिलहाल यूजीसी ने इस प्रक्रिया को 31 अगस्त तक पूरा करने का सुझाव दिया है। ऐसे में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले नए छात्रों की पढ़ाई एक सितंबर से शुरू होगी। दो महीने की उनकी उपस्थिति सौ प्रतिशत मानी जाएगी।
स्थिति सामान्य नहीं हुई तो इंटरनल असेसमेंट से किए जाएंगे पास
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को यह भी विकल्प दिया है कि यदि कोराना संक्रमण की स्थिति सामान्य नहीं होती है तो छात्रों को इंटरनल और पिछले साल के प्रदर्शन के आधार पर प्रमोट करते हुए ग्रेडिंग दे दी जाए। इनमें 50 फीसद अंक इंटरनल आकलन और 50 फीसद अंक पिछले प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे। हालांकि यह विकल्प तब सुझाया गया है, जबकि कोई अन्य विकल्प न बचे।
एमफिल-पीएचडी छात्रों को मिले छह माह का विस्तार
यूजीसी ने एमफिल और पीएचडी के छात्रों को छह माह का विस्तार देने और उनकी मौखिक परीक्षा वीडियो कांफ्रेंस से कराने का सुझाव दिया है। इसके अलावा आयोग ने विश्वविद्यालयों को छह दिन का हफ्ता करने और अपने कर्मचारियों व छात्रों की लॉकडाउन के दौरान की ट्रैवल व स्टे हिस्ट्री का रिकॉर्ड रखने का सुझाव भी दिया है।
परीक्षाओं का आयोजन
टर्मिनल सेमेस्टर - एक जुलाई, 2020 से 15 जुलाई, 2020
मध्यवर्ती सेमेस्टर - 16 जुलाई, 2020 से 31 जुलाई, 2020
मूल्यांकन व परिणामों की घोषणा :-
टर्मिनल सेमेस्टर - 31 जुलाई, 2020 तक
मध्यवर्ती सेमेस्टर - 14 अगस्त, 2020 तक
नोट :- अपरिहार्य कारणों से ग्रीष्म अवकाश 30 दिनों का हो सकता है। ऐसी स्थिति में अध्ययन 15 मई, 2020 तक जारी रह सकता है। अन्य गतिविधियां 31 मई, 2020 तक चल सकती हैं।
प्रस्तावित शैक्षणिक कैलेंडर (2020-21)
प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ - एक अगस्त से 31 अगस्त, 2020 तक
द्वितीय व तृतीय वर्ष की कक्षाएं प्रारंभ - एक अगस्त, 2020
प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं प्रारंभ - एक सितंबर, 2020
परीक्षाओं का आयोजन - एक जनवरी से 25 जनवरी, 2021 तक
सम सेमेस्टर के लिए कक्षाओं का आरंभ - 27 जनवरी, 2021
कक्षाओं की समाप्ति - 25 मई, 2021
परीक्षाओं का आयोजन - 26 मई से 25 जून, 2021
ग्रीष्मकालीन अवकाश - एक जुलाई से 30 जुलाई, 2021
अगले शैक्षणिक सत्र का आरंभ - दो अगस्त, 2021