'अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर अब माओवाद मुक्त', अमित शाह ने किया दावा; एक साथ 170 नक्सलियों का सरेंडर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर, जो कभी माओवादियों का गढ़ था, अब नक्सलवाद से मुक्त हो गया है। छत्तीसगढ़ में 170 माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद उन्होंने यह दावा किया। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक माओवाद को पूरी तरह से खत्म करने का संकल्प दोहराया और माओवादियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की।

छत्तीसगढ़ में एक साथ हथियारों के साथ 170 माओवादियों का आत्मसमर्पण (फोटो:पीटीआई)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लगभग पांच दशक तक माओवादियों का गढ़ रहा अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर अब पूरी तरह से मुक्त हो गया है। छत्तीसगढ़ में एक साथ हथियारों के साथ 170 माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह दावा किया।
बुधवार और गुरूवार को दो दिनों में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में 258 माओवादी समर्पण कर चुके हैं, जिनमें संगठन के सर्वोच्च इकाई पोलित ब्यूरो के सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ शोनू उर्फ अभय भी शामिल हैं।
31 मार्च 2026 से पहले खत्म करने का संकल्प
अमित शाह ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक पोस्ट में खुशी जताते हुए कहा कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब छिटपुट माओवादी केवल दक्षिणी बस्तर में बचे हुए हैं, जिन्हें हमारी सुरक्षा बल शीघ्र ही समाप्त कर देंगे।
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में मिली सफलता का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि जनवरी 2024 के बाद से अब तक 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 को मार गिराया गया है। उन्होंने इसे 31 मार्च 2026 से पहले माओवाद को जड़ से खत्म करने के दृढ़ संकल्प का प्रतिबिम्ब बताया।
सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर अति प्रभावित
ध्यान देने की बात है कि अब पूरे देश में छत्तीसगढ़ के केवल तीन जिले सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर माओवाद से अति प्रभावित है, जबकि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखंड के 11 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित है। जबकि 2013 में 170 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे।
अमित शाह ने कहा कि 'हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में अपना विश्वास पुनर्स्थापित करने के इन सभी के निर्णय की सराहना करता हूँ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार की निरंतर कोशिशों का ही यह परिणाम है कि नक्सलवाद आखिरी सांसें ले रहा है।'
शाह ने कहा कि माओवादियों के विरुद्ध हमारी नीति स्पष्ट है, जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सभी माओवादियों से हथियार त्याग कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
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