सफलता: 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत रोपे गए करीब 52 करोड़ पौधे, पीएम मोदी ने की थी कैंपेन की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के दिन यानी पांच जून को एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरूआत की थी। इस अभियान के तहत देश में अब तक करीब 52 करोड़ पौधे रोपे जा चुके है जबकि यह अभियान अभी सितंबर तक चलेगा। वैसे भी इस अभियान के तहत इस साल 80 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से धरती को बचाने के लिए 'एक पेड़ मां के नाम' से देश में शुरू किए पौधरोपण अभियान को बड़ी सफलता मिली है। इस अभियान के तहत देश में अब तक करीब 52 करोड़ पौधे रोपे जा चुके है, जबकि यह अभियान अभी सितंबर तक चलेगा। वैसे भी इस अभियान के तहत इस साल 80 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के दिन यानी पांच जून को इस अभियान की शुरूआत की थी। इस मौके पर पीएम ने खुद भी एक पौधा रोपा था। इस बाद यह अभियान सभी राज्यों में पूरे जोर-शोर चला। अपनी मां की याद में लोगों ने पौधरोपण अभियान में जमकर हिस्सा भी लिया।
यही वजह थी कि तीन महीने में ही देश भर में 52 करोड़ पौधे रोपे गए। इस अभियान में केंद्र व राज्य सरकारों के साथ ही सामाजिक संगठनों ने भी बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया था। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर मंगलवार को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भूमि क्षरण को रोकना, सूखे से निपटने की क्षमता विकसित करना और मरूस्थलीकरण को रोकना आदि मुख्य उद्देश्य है।
140 पौधे रोपे जाने है
एक पेड़ मां के नाम से इस अभियान तहत इस साल सितंबर तक 80 करोड़ और मार्च 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। केंद्र और राज्य सरकारों दोनों से ही इनमें आगे बढ़कर हिस्सा लेने का कहा गया है। इसके साथ ही इस अभियान के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों के जुड़ाव को बढ़ाने के लिए संस्थाओं, संगठनों व समुदाय आधारित संगठनों व स्थानीय निकायों से भी शामिल होने का कहा गया है। इस अभियान में मुख्य ध्यान इस बात भी दिया गया है कि जो भी पौधे लगाए जाए उन्हें ¨जदा भी रखा जाए। और आगे उनकी देखभाल भी की जाए।
किस राज्य में कितने पौधे रोपे गए
उत्तर प्रदेश- ---14.98 करोड़
तेलंगाना--------6.14 करोड़
मध्य प्रदेश----2.49 करोड़
छत्तीसगढ़---1.94 करोड़
बिहार-----1.03 करोड़
उत्तराखंड---79 लाख
असम-------80 लाख
कर्नाटक----38.53 लाख
पंजाब---------78.82 लाख
आंध्र प्रदेश----71.59 लाख
दिल्ली--------1.70 लाख
तमिलनाडु--------3.37 लाख
पश्चिम बंगाल------93 हजार