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    कहां हुआ 500 किलो आम से भगवान बालाजी का अद्भुत 'आम्राभिषेक' ?

    By ShashankpEdited By:
    Updated: Sat, 08 Jun 2019 02:15 PM (IST)

    भगवान बालाजी को भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए कराए गए आम्राभिषेक को वैष्णव संप्रदाय की प्राचीन परंपरा बताया जा रहा है। ...और पढ़ें

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    कहां हुआ 500 किलो आम से भगवान बालाजी का अद्भुत 'आम्राभिषेक' ?

    इंदौर, जेएनएन । मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित तिरुपति बालाजी वेंकटेश देवस्थान गुमाश्ता नगर में भगवान बालाजी को भीषण गर्मी से निजात दिलाने का अनोखा तरीका अपनाया गया है। यहां भगवान बालाजी को गर्मी से राहत दिलाने के लिए 500 किलो आम के रस से उनका अभिषेक किया गया।

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    आम की 11 किस्मों से भगवान बालाजी का 'आम्राभिषेक'
    भगवान बालाजी के इस विशेष अभिषेक में बादाम, हापुस, लाल पट्टा, दसहरी, तोता परी सहित 11 किस्म के आम को शामिल किया गया था। इस विशेष अभिषेक को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। अभिषेक के बाद आमरस को भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। भगवान बालाजी का इससे पहले 108 पवित्र नदियों के जल से भगवान का ज्येष्ठाभिषेक भी कराया गया।भजन गायक हरिकिशन साबू ने इस मौके पर भजनों की प्रस्तुति दी। श्रृंगार दर्शन और महाआरती भी हुई।

    'वैष्णव संप्रदाय की प्राचीन परंपरा'
    इस आम्राभिषेक के साक्षी रहे झालरिया पीठाधिपति जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज के मुताबिक, मंदिर में बने प्रसाद में भगवान का भाव आ जाता है। इसीलिए प्रसाद को भक्ति और श्रद्घा से ग्रहण करना चाहिए। ज्येष्ठाभिषेक और आम्राभिषेक भगवान के प्रति भक्ति दिखाने का एक भाव है।यह भाव, भक्तों को भगवान के पास लाता है। यह वैष्णव संप्रदाय की प्राचीन परंपरा है।'

    मीडिया प्रभारी राम स्वरूप मूंदड़ा के मुताबिक, 'उत्सव के पहले चरण में भगवान तिरुपति बालाजी का ज्येष्ठाभिषेक हुआ। भगवान का 108 कलशों से पवित्र नदियों के जल के साथ पंचामृत, सुगंधित द्रव्यों से अभिषेक किया गया। यहां ब्राह्मणों ने तैत्तिरीय उपनिषद, पुरुष सूक्त, श्रीसूक्त, वरद वल्लभ स्त्रोत, वेंकटेश स्त्रोत का पाठ भी किया।

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