आधार को भविष्य के लिए किया जाएगा तैयार, हाई लेवल कमेटी का हुआ गठन
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने आधार प्रौद्योगिकी को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। नीलकंठ मिश्रा की अध्यक्षता में यह समिति 'आधार विजन 2032' दस्तावेज विकसित करेगी। इसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने और डेटा संरक्षण अधिनियम के अनुरूप आधार को और अधिक सुरक्षित बनाना है।

आधार को और अधिक लचीला बनाने के लिए यह कदम उठाया गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने आधार प्रौद्योगिकी को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के मामले में आधार को और अधिक लचीला बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
यूआइडीएआई के अध्यक्ष नीलकंठ मिश्रा की अध्यक्षता में इसके लिए समिति बनाई गई है।इसमें यूआइडीएआइ के सीईओ भुवनेश कुमार, न्यूटानिक्स के संस्थापक धीरज पांडे, एमओएसआइपी के इंजीनियरिंग प्रमुख शशिकुमार गणेशन सहित अन्य लोग शामिल हैं।
समिति आधार विजन 2032 दस्तावेज विकसित करेगी
तेजी से बदलते तकनीकी और नियामक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, यूआइडीएआइ ने एक नए 'आधार विजन 2032' ढांचे के जरिए आधार के विकास के अगले दशक को आकार देने के लिए एक व्यापक रणनीतिक और तकनीकी समीक्षा शुरू की है।
समिति आधार विजन 2032 दस्तावेज विकसित करेगी, जिसमें भारत के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम और गोपनीयता एवं साइबर सुरक्षा के उभरते वैश्विक मानकों के अनुरूप अगली पीढ़ी के आधार आर्किटेक्चर के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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