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    Bengal: बीमार पत्नी ने स्टेशन पर तोड़ा दम, किसी ने नहीं की मदद; कंधे पर शव ले गया पति

    व्यवस्था की क्रूरता और इंसानियत की हार की एक दर्दनाक तस्वीर पुरुलिया के बराभूम रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली जहां एक लाचार पति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर ले जाने पर मजबूर हो गया। घंटों तक वह बीमार पत्नी के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाता रहा लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। जब पत्नी ने प्लेटफार्म पर ही दम तोड़ दिया।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:34 PM (IST)
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    एक लाचार पति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर ले जाने पर मजबूर हो गया (फोटो- जागरण)

     जागरण संवाददाता, पुरुलिया। व्यवस्था की क्रूरता और इंसानियत की हार की एक दर्दनाक तस्वीर पुरुलिया के बराभूम रेलवे स्टेशन पर देखने को मिली, जहां एक लाचार पति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाकर ले जाने पर मजबूर हो गया। घंटों तक वह बीमार पत्नी के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। जब पत्नी ने प्लेटफार्म पर ही दम तोड़ दिया, तब भी उसे कोई सहारा नहीं मिला।

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    सफर में अचानक बिगड़ी तबीयत

    पुरुलिया सदर थाना क्षेत्र के गौशाला बस्ती में रहने वाले मनोज कर्मकार अपनी 42 वर्षीय पत्नी शांता कर्मकार के साथ कांड्रा स्टेशन से चक्रधरपुर-गोमो एक्सप्रेस में सवार हुए थे। दोनों पति-पत्नी रोज की तरह अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ कर घर लौट रहे थे। लेकिन ट्रेन के अंदर अचानक शांता की तबीयत बिगड़ने लगी और वह बेहोश हो गईं। घबराए हुए मनोज ने पत्नी को होश में लाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।

    मदद की गुहार, और फिर खामोशी

    ट्रेन जैसे ही आद्रा-चांडिल शाखा के बराभूम स्टेशन पर रुकी, मनोज अपनी बेहोश पत्नी को लेकर प्लेटफार्म पर उतर गए। उन्होंने उम्मीद से आसपास के लोगों और स्टेशन पर मौजूद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों से मदद मांगी।

    मनोज ने रोते हुए बताया, मैं सबसे मदद मांगता रहा, आरपीएफ वालों के पास भी गया, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। बराभूम जैसे छोटे स्टेशन पर राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) का कोई आउटपोस्ट भी नहीं है, जिससे तत्काल कोई आधिकारिक सहायता मिल पाती।

    जब टूट गया सब्र का बांध

    घंटों तक पत्नी को गोद में लिए मनोज का सब्र जवाब दे गया। मदद की हर उम्मीद दम तोड़ चुकी थी। इसी बीच, शांता की सांसे भी थम गईं। बेबसी और दुख के इस आलम में जब कोई रास्ता नहीं सूझा, तो मनोज ने अपनी जीवन संगिनी के शव को अपने कंधे पर उठाया और वहां से चल पड़े। स्टेशन पर मौजूद किसी यात्री ने इस दिल दहला देने वाले मंजर का वीडियो बना लिया, जो बाद में वायरल हो गया और जिसने भी इसे देखा, उसका दिल दहल गया।

    देर से जागी पुलिस

    पत्नी की मौत के काफी देर बाद आरपीएफ ने पुरुलिया जीआरपी को घटना की सूचना दी। खड़गपुर रेल मंडल की एसआरपी देवश्री सान्याल ने बताया कि सूचना मिलने के 40 मिनट के भीतर पुरुलिया जीआरपी मौके पर पहुंची।

    पुलिस ने शांता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पुरुलिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है और एक अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लेकिन यह कार्रवाई उस सवाल का जवाब नहीं दे पाती कि अगर यही तेजी पहले दिखाई गई होती, तो क्या शांता आज जिंदा होतीं?