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    हिरासत में लिए गए बांग्लादेश से आ रहे 9 रोहिंग्या, फर्जी पहचान-पत्र व आधार कार्ड भी हुए बरामद

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Sun, 18 Dec 2022 09:37 PM (IST)

    अगरतला रेलवे स्टेशन पर बांग्लादेश से आ रहे नौ रोहिंग्या को हिरासत में लिए गए। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने विशेष तलाशी अभियान के दौरान यह लोग पकड़े गए। अगरतला एक्सप्रेस पर जब ये सवार हो रहे थे तभी संदेह होने पर आरपीएफ ने उनसे पूछताछ की गई।

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    रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने विशेष तलाशी अभियान के दौरान नौ रोहिंग्या को हिरासत में लिया है।

    जासं, कटिहार : रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने विशेष तलाशी अभियान के दौरान नार्थ फ्रंटियर (एनएफ) रेलवे के अंतर्गत अगरतला रेलवे स्टेशन पर बांग्लादेश से आ रहे नौ रोहिंग्या को हिरासत में लिया है। पकड़े गए रोहिंग्याओं में पांच महिलाएं शामिल हैं। पकड़े गए रोहिंग्या अगरतला से दिल्ली जा रहे थे।

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    आरपीएफ व जीआरपी को विशेष चौकसी बरतने के दिए गए निर्देश 

    जानकारी के अनुसार अगरतला एक्सप्रेस पर जब ये सवार हो रहे थे, तभी संदेह होने पर आरपीएफ ने उनसे पूछताछ की। जांच के दौरान सभी के पास से फर्जी पहचान-पत्र व आधार कार्ड बरामद किए गए। नार्थ फ्रंटियर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सव्यसाची डे ने बताया कि अवैध प्रवासियों और रोहिंग्याओं का पता लगाने के लिए रेलवे द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे स्टेशन व ट्रेनों पर आरपीएफ व जीआरपी को विशेष चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है। 

    ट्रेनों में अवैध प्रवासियों के खिलाफ विशेष जांच की गई

    एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने एक बयान में कहा कि अगरतला रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच के दौरान पांच महिलाओं सहित नौ लोगों को पकड़ा गया। बयान में कहा गया है,'घटना के दिन अगरतला की आरपीएफ टीम ने जीआरपी अगरतला के साथ संयुक्त रूप से अगरतला रेलवे स्टेशन पर आने और जाने वाली सभी ट्रेनों में अवैध प्रवासियों के खिलाफ विशेष जांच की। जांच के दौरान उन्होंने नौ बांग्लादेशियों का पता लगाया।'

    जानें कौन हैं रोहिंग्या

    बता दें कि रोहिंग्या मुसलमानों का एक समुदाय है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों की एक बड़ी आबादी रहती है। मगर दशकों से म्यांमार में इन्हें भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार होने पड़ रहा है। रोहिंग्या मुसलमान दावा करते हैं कि वे म्यांमार के मुस्लिमों के वंसज है। अंग्रेजी शासन के दौरान बंग्लादेश से इनके म्यांमार आकर बसने का दावा किया जाता है। इधर, म्यांमार की सीमा से सटा बांग्लादेश रोहिंग्या समुदाय को अपना मानता ही नहीं है, जिस कारण इन्हें किसी भी देश की नागरिकता नहीं मिल सकी।