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    Content Creators: भारत में 8 करोड़ हैं कंटेंट क्रिएटर, लेकिन सिर्फ 1.5 लाख कर पा रहे इंटरनेट मीडिया से कमाई

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 10 Oct 2022 09:20 PM (IST)

    एक नई रिपोर्ट से पता चला है। 1.5 लाख पेशेवर क्रिएटर्स में से अधिकांश $200-$2500 ( 16000-Rs 200000 रुपये प्रति माह) के बीच कमा रहे हैं। इन क्रिएटर्स की यह कमाई उनके कंटेंट पर निर्भर करती है यानी की उनके बनाए कंटेंट को कितने लोगों ने देखा और पसंद किया।

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    भारत में कम से कम 8 करोड़ क्रिएटर्स और ज्ञान पेशेवर हैं

    नई दिल्ली, आईएएनएस। इंटरनेट की इस दुनिया में आज ढेर सारे लोग अलग-अलग तरह के वीडियो बनाकर पैसे कमा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर इन्हें कंटेंट क्रिएटर कहा जाता है। शॉर्ट-फॉर्म वीडियो को लोग देखना पसंद करते हैं। यही कारण है कि दुनियां भर में इसका क्रेज बड़ता ही जा रहा है। वहीं भारत में कम से कम 8 करोड़ क्रिएटर्स और ज्ञान पेशेवर हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ केवल 1.5 लाख प्रोफेशनल क्रिएटर्स ही इंटरनेट मीडिया से पैसे कम पा रहे हैं।

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    रिपोर्ट में यह बात आई सामने

    एक नई रिपोर्ट से पता चला है। 1.5 लाख पेशेवर क्रिएटर्स में से, अधिकांश $200-$2,500 ( 16,000-Rs 200,000 रुपये प्रति माह) के बीच कमा रहे हैं। इन क्रिएटर्स की यह कमाई उनके कंटेंट पर निर्भर करती है, यानी की उनके बनाए कंटेंट को कितने लोगों ने देखा और पसंद किया। कलारी कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1 प्रतिशत से भी कम पेशेवर क्रिएटर्स (1 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स वाले) के पास प्रति माह $2,500-$65,000 (53 लाख रुपये से अधिक) के बीच कमाई करते हैं।

    जबकि इनमें से बहुत कम ही ऐसे स्टार क्रिएटर्स हैं, जो हर महीने $ 100,000 (82 लाख रुपये से अधिक) की कमाई कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्षेत्रीय शॉर्ट-फॉर्म वीडियो प्लेटफॉर्म पर 50,000 पेशेवर क्रिएटर्स हैं, उनके दर्शकों में से 60 प्रतिशत से अधिक बाहरी महानगरों से आते हैं।

    रिपोर्ट में कहा गया है, 'सोशल प्लेटफार्मों ने इन क्रिएटर्स को एक बड़ा दर्शक वर्ग बनाने और सीधे अपने प्रशंसकों तक पहुंचने में सक्षम बनाया है। हालांकि, इनमें से बहुत कम क्रिएटर्स प्रभावी ढंग से पैसे कमाने में सक्षम हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दशक में सोशल मीडिया क्रिएटर्स को खूब पब्लिसिटी मिली, लेकिन उनके बीच आय का वितरण कुछ खास नहीं हुआ।'

    इसमें आगे बताया गया कि सामाजिक प्लेटफार्मों ने रचनाकारों के लिए योग्यता को पहचान मिली, उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला, लेकिन उनके द्वारा बनाई गए अधिकांश कंटेंट स्वयं प्लेटफॉर्म द्वारा कब्जा कर लिया गया था। इनमें से अधिकांश व्यक्ति पहली बार इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं।

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