न्याय हुआ पूरा... 39 साल में खत्म हुआ 100 रुपये रिश्वत का मामला, कोर्ट ने दोषमुक्त किया 83 वर्षीय पूर्व कर्मचारी
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एमपीएसआरटीसी) 83 वर्षीय पूर्व बिल असिस्टेंट जागेश्वर प्रसाद अवधिया को 39 वर्ष पुराने 100 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषमुक्त कर दिया है। यह मामला 1986 में लोकायुक्त में दर्ज शिकायत के बाद शुरू हुआ था जिसमें आरोप था कि अवधिया ने बकाया बिल पास करने के लिए रिश्वत मांगी थी।

जेएनएन, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एमपीएसआरटीसी) 83 वर्षीय पूर्व बिल असिस्टेंट जागेश्वर प्रसाद अवधिया को 39 वर्ष पुराने 100 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषमुक्त कर दिया है।
यह मामला 1986 में लोकायुक्त में दर्ज शिकायत के बाद शुरू हुआ था, जिसमें आरोप था कि अवधिया ने बकाया बिल पास करने के लिए रिश्वत मांगी थी। उन्हें 2004 में निचली अदालत ने दोषी ठहराया था।
जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की एकल पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष रिश्वत की मांग को साबित करने में विफल रहा है। अवधिया ने बाद में पत्रकारों से कहा कि न्याय में देरी न्याय से वंचित होने के समान है। उन्होंने सरकार से पेंशन की मांग की है।
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