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    72 प्रतिशत जिले बाढ़ के लिए संवेदनशील पर 25 फीसदी में ही पूर्व चेतावनी प्रणाली, CEEW ने किया गया दावा

    By AgencyEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Fri, 14 Jul 2023 05:10 AM (IST)

    सीईईडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के उच्च जोखिम के बावजूद असम बिहार उत्तर प्रदेश ओडिशा और सिक्किम बाढ़ की ईडब्ल्यूएस के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश उन राज्यों में से एक है जहां प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों की सबसे कम उपलब्धता है। वहीं उत्तर प्रदेश असम बिहार सिक्किम उत्तराखंड अरुणाचल प्रदेश केरल महाराष्ट्र त्रिपुरा में उपलब्धता अच्छी है।

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    सीईईडब्ल्यू ने पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बताया जरूरी।

    नई दिल्ली, पीटीआई। देश के 72 प्रतिशत जिले अत्यधिक बाढ़ के लिए संवेदनशील है लेकिन महज 25 प्रतिशत जिलों में ही बाढ़स्तर भविष्यवाणी केंद्र अथवा पूर्व चेतावनी प्रणाली है। यह दावा गुरुवार को नीति अनुसंधान थिंक टैंक द सेंटर फार एनर्जी, एनवायरमेंट और वाटर (सीईईडब्ल्यू) की रिपोर्ट में किया गया है।

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    सीईईडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ के उच्च जोखिम के बावजूद असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम बाढ़ की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं।

    उत्तराखंड में बाढ़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली की उच्च उपलब्धता

    रिपोर्ट से पता चला है कि वर्तमान में बाढ़ से जूझ रहा हिमाचल प्रदेश उन राज्यों में से एक है जहां प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों की सबसे कम उपलब्धता है। इधर, अत्यधिक बाढ़ के प्रति संवेदनशील होने के बावजूद उत्तराखंड में बाढ़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली की उच्च उपलब्धता है।

    यमुना के उफान के कारण भीषण बाढ़ की चपेट में आई दिल्ली पर आंशिक रूप से अत्यधिक बाढ़ का खतरा रहता है। यहां ईडब्ल्यूएस मध्यम स्तर का है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में लगभग 66 प्रतिशत लोग अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं के संपर्क में आता है। हालांकि महज 33 प्रतिशत लोग की ईडब्ल्यूएस से कवर हो पाते हैं।

    सीईईडब्ल्यू के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रमुख डा. विश्वास चितले ने कहा कि भारत में आई हालिया बाढ़ और चक्रवात बिपर्जय ने एक बार फिर पूर्व चेतावनी प्रणाली की उपयोगिता साबित की है। देश परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी को अपनाकर तेजी से अपनी पूर्व चेतावनी क्षेत्र का विस्तार कर रहा है। इन राज्यों में बाढ़ का उच्च जोखिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम, झारखंड, ओडिशा , बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा बिहार।

    पूर्व चेतावनी प्रणालियों की उपलब्धता राज्यवार

    बेहतर:

    • उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, त्रिपुरा।

    खराब:

    • तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना

    मध्यम:

    • ओडिशा, दिल्ली।

    देश में आपदाओं से मौतों की संख्या घटी

    महापात्र इससे पूर्व भारत मौसम विभाग (आइएमडी) के प्रमुख डा. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में आपदाओं से मौतों की संख्या घटी है। हालांकि सामाजिक-आर्थिक प्रगति के बीच संपत्ति का नुकसान बढ़ा है।

    उन्होंने 2013 की केदारनाथ और इस वर्ष हिमाचल प्रदेश की बाढ़ की तुलना करते हुए कहा कि पूर्व चेतावनी प्रणालियों, भविष्यवाणी, तैयारियों, रोकथाम और शमन के स्तर पर अभूतपूर्व सुधार हुए हैं। उन्होंने यह बात नीति अनुसंधान ¨थक टैंक द सेंटर फार एनर्जी, एनवायरमेंट और वाटर (सीईईडब्ल्यू) की रिपोर्ट लांच के दौरान वीडियो मेसेज में कही।