दंतेवाड़ा में बड़ा सरेंडर, 71 नक्सलियों ने एकसाथ डाले हथियार; 30 पर 64 लाख का इनाम
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया जिनमें से 30 पर 64 लाख का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वालों में कई नक्सली कमांडर भी शामिल हैं जिन पर जंगल काटने और पुलिस से मुठभेड़ जैसे आरोप थे। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी और एसपी गौरव राय के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ मिलेगा।

डिजिटल डेस्क, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 30 नक्सलियों पर 64 लाख का इनाम था। इस लिस्ट में कई प्रमुख नक्सली कमांडर भी मौजूद हैं।
सरेंडर करने वाले नक्सली बामन मड़काम पर 8 लाख का इनाम, शमिला कवासी पर 5 लाख का इनाम और गंगी बारसे पर 5 लाख का इनाम था। इन सभी नक्सलियों पर जंगल काटने, पेड़ गिराने और पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल होने का आरोप था।
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, डीआईजी कमलोचन कश्यप और एसपी गौरव राय समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया था। वहीं, नक्सलियों के आत्मसमर्पण में डीआरजी/बस्तर फाइटर्स, विशेष आसूचना शाखा और सीआरपीएफ समेत कई बटालियनों ने अहम भूमिका निभाई है।
नक्सलियों को मिलेगा पुनर्वास नीति का लाभ
आत्मसमर्पण के बाद इन नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे। इनमें 50,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता राशि, कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं। इन योजनाओं की मदद से वो सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।
पुलिस अधीक्षक गौरव राय के अनुसार,
पुलिस की आक्रामक रणनीति और लगातार अभियानों के कारण माओवादी संगठन कमजोर हो रहा है, जिसका नतीजा यह है कि बड़ी संख्या में नक्सली अब आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
‘लोन वर्राटू’ अभियान
यह आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि ‘लोन वर्राटू’ अभियान प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 1113 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं। दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सलियों से एक बार फिर हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और सद्भाव की राह अपनाने की अपील की है।
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