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    AI और सुपरफास्ट नेटवर्क के साथ भारत में आने वाला है 6G युग, 5G से 100 गुना तेज होगी स्पीड

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 03:54 PM (IST)

    भारत 2030 तक दुनिया के अग्रणी 6G देशों में शामिल होने का लक्ष्य लेकर 6G युग की ओर बढ़ रहा है। इस मिशन के तहत 275.88 करोड़ रुपये के 104 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं और 100 से अधिक संस्थानों में 5G/6G लैब्स स्थापित की जा रही हैं। 6G नेटवर्क 5G से 100 गुना तेज, AI-नेटिव होगा और संचार व सेंसिंग को एकीकृत करेगा।

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    भारत में 2030 तक लॉन्च होगा 6G इंटनेट नेटवर्क (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत अब 6G युग की ओर बढ़ रहा है। सरकार ने 'भारत 6G विजन' के तहत 2030 तक दुनिया के अग्रणी 6G देशों में शामिल होने का लक्ष्य तया किया है। इस मिशन के तहत अब तक 275.88 करोड़ रुपये के 104 प्रोजेक्ट मंजीर किए जा चुके हैं। देशभर के 100 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में 5G और 6G लैब्स तैयार की जा रही हैं, जहां वैज्ञानिक 6G तकनीक पर शोध कर रहे हैं।

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    6G के फायदे

    6G नेटवर्क मौजूदा 5G से कई गुना तेज और इंटेलिजेंट होगा। इस में कई तकनीक शामिल की जा रही हैं, जो संचार की दिशा बदल देंगी।

    • टेराहर्ट्ज फ्रिक्वेंशी:- 6G में डेटा स्पीड 5G से करीब 100 गुना तेज होगी।
    • AI-नेटिव नेटवर्क:- पूरा सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से संचालित होगा, जो रियल टाइम रूटिंग और बैंडविथ मैनेजमेंट संभालेगा।
    • कम्युनिकेशन और सेंसिंग इंटीग्रेशन:- नेटवर्क सिर्फ डेटा ही नहीं भेजेगा, बल्कि आसपास के वातावरण को भी समझेगा। जैसे किसी की सटीक लोकेशन या मूवमेंट का पता लगाना।

    6G नेटवर्क में सैटेलाइट, ड्रोन, हाई-एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म और भूमि नेटवर्क सब आपस में जुड़ेंगे। इससे देश के हर इलाके, यहां तक की पहाड़ों और दूरदराज गांवों में भी तेज इंटरनेट पहुंच सकेगा। इसके अलावा, लाई-फाई (Li-Fi) तकनीक के जरिए लाइट के माध्यम से इंटरनेट मिलेगा, यानी जहां फाइबर केबल नहीं वहां भी नेट चलेगा।

    कहां-कहां पड़ेगा 6G का असर?

    • स्मार्ट हेल्थकेयर:- डॉक्टर दूर से ही रियल टाइम सर्जरी और सेंसर मॉनिटरिंग कर पाएंगे।
    • ऑटोनॉमस व्हीकल्स:- बेहद कम लेटेंसी की वजह से सेल्फ-ड्राइविंह कारें और ड्रोन और ज्यादा सटीक काम करेंगे।
    • इंडस्ट्री 4.0:- फैक्ट्रियों में AI रोबोट्स और रियल टाइम ऑटोमेशन सिस्टम काम संभालेंगे।
    • स्मार्ट सिटीज:- हर डिवाइस इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़ा होगा, जिससे ऊर्जा की बचत और सुरक्षा दोनों बढ़ेंगी।