ऑडी, थार, फॉर्च्यूनर... देश के इस राज्य में मिली दिल्ली-यूपी और हरियाणा से चोरी हुई 57 लग्जरी कारें
अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 30 करोड़ रुपये से अधिक की 57 महंगी कारें जब्त की हैं। पुलिस ने वाहन चोर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसपी जुम्मार बसर ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों से चुराई गई कारों को फर्जी कागजातों के जरिए अरुणाचल प्रदेश में बेचा जाता था।

एजेंसी, ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोरी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। राजधानी में पुलिस ने वाहन चोर गिरोह से 57 महंगी कारें जब्त की हैं। चोरी की इन कारों की कीमत 30 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
वाहन चोरों पर देश में सबसे बड़ी कार्रवाई
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि वाहन चोरी के मामलों में पूरे देश के किसी भी थाने में एक बार में की गई ये आज तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। उन्होंने बताया कि गिरोह के पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
से
ईटानगर के एसपी जुम्मार बसर ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कई राज्यों में वाहन तस्करी गिरोह के बारे में खूफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है।
चोरी की 57 कारें बरामद
पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अधिकारी ने बताया कि कार चोरों के खिलाफ अभियान दो जुलाई को शुरू हुआ था। इस दौरान ईटानगर के विभिन्न इलाकों से चोरी की 57 गाड़ियां बरामद की गईं। सभी वाहन दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में दर्ज चोरी के मामलों से जुड़े पाए गए।
महंगी कारों को निशाना बनाता था गिरोह
एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों में महंगी कारों को निशाना बनाते थे। वाहनों को चुराने के बाद चोर दलालों की मिलीभगत से इंजन और चेसिस नंबरों के साथ छेड़छाड़ करते थे। फर्जी कागजातों की मदद से वाहन अरुणाचल प्रदेश में आसानी से पहुंच जाते थे।
अरुणाचल प्रदेश में पहुंचने के बादकारों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर अनजान खरीदारों को बेच दिया गया। एसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संबंध होने की संभावना सामने आई है। बसर ने लोगों से किसी भी पुराने वाहन को खरीदने से पहले वाहन पोर्टल या संबंधित आरटीओ के माध्यम से वाहन के स्वामित्व के इतिहास को सत्यापित करने का आग्रह किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।