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    बंगाल में 1993 के सामूहिक हत्याकांड में 45 को आजीवन कारावास, 19 आरोपी अब भी फरार

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 06:16 AM (IST)

    बंगाल के झाड़ग्राम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-द्वितीय अरविंद मिश्रा ने 1993 के बहुचर्चित हिजला हत्याकांड मामले में ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए झारखंड पार्टी के 45 सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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    बंगाल में 1993 के सामूहिक हत्याकांड में 45 को आजीवन कारावास (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, खड़गपुर। बंगाल के झाड़ग्राम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-द्वितीय अरविंद मिश्रा ने 1993 के बहुचर्चित हिजला हत्याकांड मामले में ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए झारखंड पार्टी के 45 सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

    प्रत्येक दोषी पर 22,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया

    साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक दोषी पर 22,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। मामला सात मई, 1993 का है। जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा‌र्क्सवादी) के छह कार्यकर्ता मनोज गोड़ाई, बिपुल महतो, कार्तिक महतो, डा. सौमेन मुखर्जी, साधन महतो व बिद्युत महतो को हिजला क्षेत्र में पार्टी बैठक में जाते समय अगवा कर लिया गया था। अगले दिन कपाट कातार जंगल से उनके शव बरामद हुए थे। जांच में स्पष्ट हुआ कि उनकी हत्या धारदार चाकू, भाला, लाठी और तीर से क्रूरतापूर्वक की गई थी।

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    103 सदस्यों के विरुद्ध हुआ था मामला दर्ज

    घटना के पश्चात आठ मई 1993 को झारखंड पार्टी के 103 सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले में न्यायालय ने 45 आरोपितों को दोषी ठहराया। इन आरोपितों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत सजा दी गई।

    न्यायालय को यह भी बताया गया कि 103 आरोपितों में से 39 की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 19 आरोपी अब भी फरार हैं। दोषियों के स्वजन ने न्यायालय के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा की है। उनके अनुसार, अभियुक्त निर्दोष हैं और उन्हें न्याय नहीं मिला है।