ऑर्गन डोनेशन पर सरकारी कर्मचारियों को 42 दिन की छुट्टी, गवर्नमेंट डॉक्टर की मंजूरी लेनी होगी
कार्मिक मंत्रालय द्वारा 2023 में जारी एक आदेश के अनुसार जब इस प्रविधान की घोषणा की गई थी दाता के अंग को निकालने के लिए सर्जरी के प्रकार के बावजूद सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/डॉक्टर की सिफारिश के अनुसार विशेष आकस्मिक अवकाश की अवधि अधिकतम 42 दिन होगी। अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू होकर एक बार में लिया जाएगा।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अंगदान के लिए अधिकतम 42 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'भारत सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अंगदान के लिए अधिकतम 42 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया है।''
अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू हो जाएगी प्रक्रिया
कार्मिक मंत्रालय द्वारा 2023 में जारी एक आदेश के अनुसार, जब इस प्रविधान की घोषणा की गई थी, दाता के अंग को निकालने के लिए सर्जरी के प्रकार के बावजूद, सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/डॉक्टर की सिफारिश के अनुसार विशेष आकस्मिक अवकाश की अवधि अधिकतम 42 दिन होगी।
इसमें कहा गया था कि विशेष आकस्मिक अवकाश आम तौर पर अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू होकर एक बार में लिया जाएगा। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर सरकारी पंजीकृत चिकित्सक या डॉक्टर की सिफारिश पर सर्जरी से अधिकतम एक सप्ताह पहले इसका लाभ उठाया जा सकता है।
अतिरिक्त पेंशन अदालतें
जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार लंबे समय से चली आ रही शिकायतों के निवारण के लिए भविष्य में अतिरिक्त पेंशन अदालतें आयोजित करना चाहती है। पेंशन अदालत का उद्देश्य केंद्रीकृत पेंशनभोगी शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली में प्राप्त अनसुलझे और पुरानी शिकायतों का मौके पर ही समाधान प्रदान करना है।
पेंशन अदालतों में मामले सुलझाए जा रहे
पेंशन अदालतों में आने वाले अधिकांश मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया जाता है। अगली पेंशन अदालत आयोजित करने से पहले अनसुलझे मामलों पर फिर से विचार किया जाता है और उनकी स्थिति पर विचार किया जाता है। 2020 से इस साल अब तक आयोजित पेंशन अदालतों के दौरान कुल 6,964 मामले उठाए गए, जिनमें से 4,944 का निपटारा किया गया।
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