FB पर लगातार बढ़ रहे हैं पाकिस्तान में बैन आतंकी संगठनों के फॉलोवर्स
पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए आतंकी संगठन खुलेआम फेसबुक पर न सिर्फ सक्रिय हैं बल्कि इनके फॉलोवर्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। आतंकियों की पनाहगाह बने पाकिस्तान में सरकार और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सरंक्षण में आतंकी किस तरह से अपनी कार्रवाई को अंजाम देते हैं यह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन अब वहां के ही एक अखबार 'डॉन' ने दावा किया है कि पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी समूह सोशल मीडिया के तहत लगातार आम जनता के अंदर अपनी पेंठ बनाने में न सिर्फ लगे हैं, बल्कि सफल भी हो रहे हैं। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यह आतंकी संगठन यूं तो कागजों में पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं, लेकिन फेसबुक पर लगातार एक्टिव बने हुए हैं। फेसबुक से जुड़कर यह आतंकी संगठन लोगों में अपनी पेंठ बना रहे हैं। इतना ही नहीं इनके फॉलोवर भी लगातार बढ़ रहे हैं और उनके पेज भी बढ़ते जा रहे हैं।
आतंकी संगठन कर रहे फेसबुक का जमकर इस्तेमाल
प्रतिबंधित आतंकी समूह खुलेआम फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार की ओर से प्रतिबंधित किए गए 64 आतंकी संगठनों में से 41 इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर सक्रिय हैं। वे इसके जरिये धड़ल्ले से अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। पाकिस्तान में करीब ढाई करोड़ फेसबुक यूजर हैं जो महज एक क्लिक में इन तक पहुंच सकते हैं। अखबार के अनुसार, फेसबुक पर मौजूद संगठनों का नेटवर्क शिया और सुन्नी समूहों से लेकर अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों और बलूचिस्तान व सिंध प्रांतों के अलगाववादियों तक है। इन संगठनों को सोशल मीडिया पर खोजना काफी आसान है।
बढ़ रहे फॉलावर्स
फेसबुक पर सभी प्रतिबंधित संगठनों को संक्षिप्त नाम या स्पेलिंग डालने भर से खोज लिया गया। इनके पेज, ग्रुप और यूजर प्रोफाइल्स को बड़ी संख्या में लोगों ने लाइक भी किया हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सैकड़ों पेज और ग्रुप मौजूद हैं। सोशल मीडिया पर अहले सुन्नत वल जमात (एएसडब्ल्यूजे) सबसे ज्यादा 200 पेज और ग्रुप के साथ मौजूद है। जीय सिंध मुत्तहिदा महज (जेएसएमएम) 160 पेज, सिपाह-ए-सहाबा (एसएसपी) 148 और बलूचिस्तान स्टुडेंट्स आर्गेनाइजेशन आजाद (बीएसओ-ए) 54 और सिपाह-ए-मुहम्मद 45 पेज के साथ सक्रिय है।
टीटीपी समेत एलईजे भी फेसबुक पर
फेसबुक पर एक्टिव रहने वाले इन आतंकी समूहों लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे), तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), तहरीक-ए-तालिबान स्वात (टीटीएस), जमात-उल-अहरार (जेयूए) और 313 ब्रिगेड के अलावा कई बलूच अलगाववादी समूह भी शामिल हैं। यह आतंकी संगठन आमतौर पर फेसबुक पर अपडेट अंग्रेजी की जगह उर्दू या रोमन उर्दू में करते हैं। इसकी सामग्री मूल रूप से स्थानीय लोगों के लिए होती है। कुछ संदेश सिंधी या बलूची भाषा में भी होते हैं।
भारत के खिलाफ जहर उगलते आतंकी संगठन
इनमें से कई आतंकी संगठन कश्मीर में भी सक्रिय हैं और फेसबुक के जरिए लगातार भारत के खिलाफ जहर भी उगलते हैं। कई बड़े आतंकी संगठनों ने तो अपनी मीडिया सेल भी बना रखी है। वे इसकी मदद से प्रेस रिलीज, उकसावे वाले धार्मिक उपदेश और भाषण के आडियो व वीडियो अपलोड करते हैं। इनके पेज और ग्रुप वेबसाइट्स, ब्लॉग्स और ट्विटर अकाउंट्स के लिंक भी साझा करते हैं। भारत लंबे समय से पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकी संगठनों के बारे में दुनिया को आगाह करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान इन पर कार्यवाही तो दूर बल्कि दरवाजे के पीछे से मदद ही करता आया है।
भारत के ईर्द-गिर्द सिमटी राजनीति
इस पूरे मामले पर रक्षा विशेष अनिल कौल ने दैनिक जागरण की स्पेशल डेस्क से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकी संगठनों की पूरी राजनीति भारत और कश्मीर के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। कभी-कभी दबाव के चलते और सिर्फ अंतरराष्ट्रीय जगत को दिखाने की वजह से ही पाकिस्तान कुछ आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित करार कर देता है, लेकिन सच्चाई इसके उलट होती है। कौल यह भी कहते हैं कि वहां के आतंकी संगठन पूरी तरह से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर ही काम करते हैं और वहां से उन्हें कई तरह की सुविधाएं भी दी जाती हैं। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार कोई भी कदम ऐसा नहीं उठाती है जो सेना के खिलाफ हो, लिहाजा कुछ मजबूरी भी उनके आड़े आ जाती है।
पीओके में सलाउद्दीन की मौजूदगी
पिछले दिनों पाकिस्तान अधिकृत कश्मीरी स्थित मुजफ्फराबाद में आतंकियों के कैंप में पहुंचे सलाउद्दीन के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद आतंकियों का मनोबल काफी गिर गया है। उनके मुताबिक उनका मनोबल उठाने के लिए ही वह वहां पर गया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद आतंकियों में खलबली मच गई है।