पिछले तीन वर्षों के दौरान भारतीय अर्धसैन्य बलों के 400 जवान शहीद हुए
मेट्रो और अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के दो जवान भी ड्यूटी के दौरान मारे गए। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछले तीन वर्षों में भारत-पाक सीमा पर फायरिंग के अलावा देश के अन्य हिस्सों में आतंकी और उग्रवादी हिंसा में अर्धसैन्य बलों के करीब 400 जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों में सबसे ज्यादा संख्या सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2015-17 के बीच बीएसएफ के 167 जवान मारे गए। ज्यादातर जवान सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए। इसी अवधि में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 103 जवान नक्सली हमलों और जम्मू-कश्मीर की आतंकी वारदातों में मारे गए। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 48 जवान भी इस दौरान शहीद हुए।
एसएसबी भारत-भूटान और भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात है। चीन सीमा पर तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने 40 और भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा कर रही असम रायफल्स ने अपने 35 जवान खोए। एयरपोर्ट, परमाणु केंद्र, मेट्रो और अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के दो जवान भी ड्यूटी के दौरान मारे गए।

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