Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Balakot Air Strike : 32 दिन बाद सुबूत मिटा पाकिस्‍तान ने मीडिया को दिखाया कैंप

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Sat, 30 Mar 2019 09:29 AM (IST)

    खबर के मुताबिक 28 मार्च को पाकिस्तान की सेना पत्रकारों के एक समूह को लेकर हेलीकॉप्टर के जरिये बालाकोट लेकर गई। इन्हें हेलीकॉप्टर के जरिये ही एयर स्ट्राइक की जगह पर ले जाया गया।

    Balakot Air Strike : 32 दिन बाद सुबूत मिटा पाकिस्‍तान ने मीडिया को दिखाया कैंप

    नई दिल्ली, जेएनएन। बालाकोट में एयर स्ट्राइक के करीब एक महीने बाद पाक सेना पत्रकारों की एक टीम को उस जगह लेकर गई, जहां पर जैश के आतंकी कैंप को भारतीय वायु सेना ने हमला करके तबाह कर दिया था। बताया जाता है कि पाकिस्तान ने इस एक महीने के दौरान हमले के सभी सुबूतों को मिटा दिया, जिससे ये साबित न हो सके कि भारत की कार्रवाई में उसके आतंकी कैंप को नुकसान हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने बालाकोट का हुलिया बदलकर दुनिया को ऐसा दिखाने को कोशिश की है, जिससे लगे कि ये कोई आम मदरसा है। 28 मार्च को आठ मीडिया टीम के सदस्यों को बालाकोट कैंप के अंदर ले जाने से पहले 300 के करीब बच्चों को कैंप में बैठा दिया गया था। सभी बच्चों को पहले ही ब्रीफिंग कर ये समझा दिया गया था कि उन्हें मीडिया के सामने क्या बोलना है।

    बताया जाता है कि पाकिस्तान ने बालाकोट में हमले के बाद ही पाकिस्तानी सेना की फ्रंटियर कोर को तैनात कर दिया था। इसके बाद चुपचाप आतंकियों के शवों को हटा दिया गया और तबाह हुए कैंप को दोबारा दुरुस्त कर दिया गया। यही वजह है कि हमले के एक महीने बाद पाकिस्तानी मीडिया को बालाकोट कैंप के अंदर ले जाया गया।

    ये भी पढ़ें- बालाकोट में भारतीय पराक्रम के बाद, कश्मीर में भी दिख रहा बालाकोट का असर

    Image result for balakot

     मीडिया एजेंसी रायटर को तीन बार जाने से रोक चुकी है पाक सेना
    मीडिया एजेंसी रायटर की टीम ने 28 फरवरी से लेकर 8 मार्च के बीच तीन बार बालाकोट में जाने की कोशिश की, लेकिन तीनों ही बार पाक सेना ने उन्हें मना कर दिया। पाक सेना ने कभी खराब मौसम का हवाला दिया तो कभी सुरक्षा कारणों का। एक अंग्रेजी पत्रिका ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में पर्दाफाश किया था कि इस हमले में आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना के जवान भी मारे गए हैं।

    आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की वर्दी में रहने का आदेश
    गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान को लगता है कि भारतीय सेटेलाइट हर वक्त कैंप को मॉनिटर कर रहे हैं और जैसे ही आंतकी कैंप से बाहर निकलते हैं भारतीय सेना को जानकारी मिल जाती है और वे मार दिए जाते हैं। इससे बचने के लिए पाकिस्तान ने सभी आतंकी गुटों से कहा है कि वह पाक अधिकृत टेरर कैंप से बाहर निकलने के दौरान सेना की वर्दी पहनें, जिससे भारतीय एजेंसियों की रडार में आने से बच सकें। पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ ने इस 16 मार्च को आतंकियों के टॉप कमांडर्स के साथ बैठक कर उक्त निर्देश दिया।

    ये भी पढ़ें- पुरानी है पाकिस्तान की ये बेशर्मी, अमेरिकी चेतावनी के बाद भी नहीं हुआ कोई असर

    गुलाम कश्मीर में चल रहे आतंकी कैंपों को शिफ्ट करने में लगा पाकिस्तान
    पाकिस्तान बालाकोट में जैश के कैंप पर भारत की कार्रवाई के बाद गुलाम कश्मीर के चार आतंकी कैंपों को भी दूर शिफ्ट करने में लगा है जिससे इन कैंप की सुरक्षा बेहतर तरीके से की जा सके। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान ने निकयाल और कोटली इलाके में मौजूद लश्कर और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों को कहा है कि वो अपने कैंपों को लाइन ऑफ कंट्रोल से दूर रखें। इतना ही नहीं, आतंकियों के कई कैंप पाकिस्तानी सेना के कैंप में शिफ्ट किए जा रहे हैं और इन कैंप के बाहर पाकिस्तानी सेना का कड़ा पहरा बैठा दिया गया है।

    कश्मीर में हमले कराने के लिए जैश को और मदद देगी आइएसआइ
    16 मार्च को निकयाल इलाके में आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें आइएसआइ, पाकिस्तानी सेना के तीन, गुलाम कश्मीर ब्रिगेड के दो बड़े अधिकारियों सहित लश्कर आतंकी और पाकिस्तानी आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने वाला गाइड अशफाक भी मौजूद था। आइएसआइ ने ये फैसला किया है कि वह जैश-ए-मुहम्मद को ज्यादा फंड देगी, जिससे घाटी के अंदर वे लगातार बड़ी वारदातें कर सके।

    भारत ने 26 फरवरी को थी एयर स्ट्राइक
    14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी को रात 3.30 बजे भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। इसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के ट्रेनिंग कैंप में छिपे 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था, लेकिन पाकिस्तान का कहना था कि उसे इस हमले से कोई नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि पिछले एक महीने से पाकिस्तान ने इस जगह को घेर रखा है और इस स्थान के आसपास किसी को जाने की इजाजत नहीं है।