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दूसरे दिन भी डॉक्‍टरों की कमी से जूझ रहे महाराष्‍ट्र के सरकारी अस्‍पताल

महाराष्‍ट्र में रेजिडेंट डॉक्‍टरों के सामूहिक अवकाश का आज दूसरा दिन है। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 10:37 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 12:17 PM (IST)
दूसरे दिन भी डॉक्‍टरों की कमी से जूझ रहे महाराष्‍ट्र के सरकारी अस्‍पताल
दूसरे दिन भी डॉक्‍टरों की कमी से जूझ रहे महाराष्‍ट्र के सरकारी अस्‍पताल

मुंबई। अपने साथी डाक्‍टर पर हुए हमले के खिलाफ मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सामूहिक अवकाश पर गए डाक्‍टरों का आज दूसरा दिन है। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। इसके चलते राज्‍य के करीब 17 अस्‍पतात बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इनमें से चार मुंबई के हैं। करीब चार हजार से अधिक रेजिडेंट डॉक्‍टर सोमवार से ही सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इस बीच बॉम्‍बे हाई  कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें डाक्‍टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने को गैरकानूनी बताया गया है। इस पर कोर्ट संभवत: आज सुनवाई भी करेगा।

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सामूहिक अवकाश पर जाने वाले डाक्‍टरों का कहना है कि वह ऐसे माहौल में काम नहीं कर सकते हैं जहां पर उनकी अपनी ही जान खतरे में पड़ जाए। इस बीच बीते 48 घंटों में दो अस्‍पतालों में भी डॉक्‍टरों पर हमले की खबर है। पिछले एक सप्‍ताह में ही ऐसी करीब पांच घटनाएं हो चुकी हैं। डॉक्‍टरों के इस डर को देखते हुए डीजीपी ने डाक्टरों को अस्पतालों में 500 अतिरिक्त सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए जाने का आश्‍वाशन दिया है। वहीं मुंबई के मेयर वी महदेश्वर ने शाम तक काम शुरू करने के लिए डॉक्टरों से अपील की है और अगर वो काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी बात कही है।

साथ ही उन्‍होंने कहा कि डॉक्‍टरों के ऊपर हमला करने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा। उनका यह भी कहना है कि डॉक्‍टरों की परेशानी को देखते हुए अस्‍पतालों में मरीजों के साथ रुकने के लिए अटेंडेंड की संख्‍या को कम किया जाएगा। मरीजों से मिलने के लिए भी पास दिए जाएंगे। यदि कोई बिना पास के अस्‍पताल के वार्ड में दिखाई देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डॉक्‍टरों की कमी से जूझ रहे कुछ अस्‍पतालों में वैकल्पिक व्‍यवस्‍था भी की है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों धुले, नासिक और सायन के सरकारी अस्‍पतालों में डॉक्‍टरों पर मरीजों के परिजनों द्वारा हमला किया गया था। इन परिजनों का आरोप था कि उनके मरीज का इलाज ठीक तरह से नहीं किया जा रहा है। इस तरह के हमलों के बाद से ही डॉक्‍टराें में काफी रोष व्‍याप्‍त था। राज्‍य के सरकारी अस्‍पताल में डॉक्‍टरों के ऊपर हो रहे हमले से राज्‍य के डाक्‍टर काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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