दिख रहा है एसआइआर का असर, बंगाल में हिरासत में लिए गए 300 घुसपैठिए
बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्यायों में दहशत का माहौल है। पिछले कई दिनों से राज्य के सीमावर्ती इलाके से बड़ी संख्या में घुसपैठिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर वापस बांग्लादेश भागने या लौटने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।

बंगाल में हिरासत में लिए गए 300 घुसपैठिए (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्यायों में दहशत का माहौल है।
पिछले कई दिनों से राज्य के सीमावर्ती इलाके से बड़ी संख्या में घुसपैठिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर वापस बांग्लादेश भागने या लौटने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
इसी क्रम में सोमवार को सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे हकीमपुर सीमा चौकी इलाके से होकर अवैध तरीके से बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे लगभग 300 बांग्लादेशी नागरिकों के एक बड़े समूह को में बीएसएफ ने हिरासत में लिया।
अधिकारियों ने बताया कि इसमें पुरुष व महिलाओं के अलावा कई बच्चे भी शामिल हैं। पूछताछ में पता चला कि ये लोग बंगाल में चल रहे एसआइआर से जुड़ी कानूनी कार्रवाई की आशंकाओं के चलते अपने वतन लौटने की कोशिश कर रहे थे।
इस तरह के प्रयासों में अब तक पकड़ा गया यह सबसे बड़ा समूह है। इनमें से ज्यादातर बांग्लादेशी नागरिक गरीब हैं और आजीविका चलाने के लिए सीमा पार करके भारत आए थे।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सूत्रों के अनुसार, एसआइआर की घोषणा के बाद से बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते बांग्लादेश लौटने की कोशिश करने वाले घुसपैठियों की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई है।
पिछले करीब साढ़े तीन महीने में बंगाल सीमा से बीएसएफ ने 12 हजार से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा है। इसके अलावा राज्य पुलिस ने भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है।

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