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    Cancer Treatment: रेडियोथेरेपी से वंचित रह जाते है 28 फीसदी कैंसर रोगी, ICMR के अध्ययन में किया गया दावा

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 25 Jul 2025 07:04 AM (IST)

    भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में केवल 28.5 प्रतिशत कैंसर रोगियों को रेडियोथेरेपी मिल पाती है। सामान्य तौर पर 58.4 प्रतिशत कैंसर रोगियों को रेडियोथेरेपी की जरूरत होती है लेकिन मशीनों की कमी के कारण रोगियों को रेडियोथेरेपी नहीं मिल पा रही है। कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल होता है।

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    रेडियोथेरेपी से वंचित रह जाते है 28 फीसदी कैंसर रोगी (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में केवल 28.5 प्रतिशत कैंसर रोगियों को रेडियोथेरेपी मिल पाती है।

    58.4 प्रतिशत कैंसर रोगियों को रेडियोथेरेपी की जरूरत

    सामान्य तौर पर 58.4 प्रतिशत कैंसर रोगियों को रेडियोथेरेपी की जरूरत होती है, लेकिन मशीनों की कमी के कारण रोगियों को रेडियोथेरेपी नहीं मिल पा रही है। स्तन, सिर व गर्दन, फेफड़े और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से जुड़े 60 प्रतिशत मामलों में रेडियोथेरेपी की जरूरत होती है।

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    कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल होता है

    कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल होता है। यह ट्यूमर के फैलाव को नियंत्रित करने, सर्जरी से पहले ट्यूमर का आकार कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हालांकि, भारत जैसे देशों में इसकी उपलब्धता पर्याप्त नहीं है।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार प्रति दस लाख जनसंख्या पर कम से कम एक रेडियोथेरेपी मशीन होनी चाहिए। आदर्श स्थिति में प्रति दस लाख पर चार रेडियोथेरेपी मशीन होनी चाहिए।

    कैंसर के मामलों में 70-100 प्रतिशत वृद्धि की आशंका

    'बीएमसी कैंसर' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारत को 1,585 से 2,545 रेडियोथेरेपी मशीनों की आवश्यकता होगी, क्योंकि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में स्तन, सिर और गर्दन तथा फेफड़ों के कैंसर के मामलों में 70-100 प्रतिशत वृद्धि की आशंका है।

    कैंसर के वैश्विक मामलों में सात प्रतिशत मामले भारत में मिलते हैं। चीन और अमेरिका के बाद भारत कैंसर से सर्वाधिक प्रभावित देश है। 2025 अंत तक भारत में कैंसर के मामले 15.7 लाख तक पहुंचने की आशंका है, हालांकि कैंसर स्क्रीनिंग और शीघ्र पहचान कार्यक्रमों से कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में ही निदान संभव हो सकता है।

    कैंसर भारत में मौत का पांचवां प्रमुख कारण

    अध्ययन में कहा गया है कि कैंसर भारत में मौत का पांचवां प्रमुख कारण है। कैंसर रोगियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रेडियोथेरेपी सुविधाओं के विस्तार हेतु अधिक निवेश की जरूरत है।

    अध्ययन में यह बात आई सामने

    अध्ययन के लिए आइसीएमआर-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलियन कोलेबोरेशन फार कैंसर आउटकम्स रिसर्च एंड इवैल्युएशन (सीसीओआरई) के डाटा का उपयोग किया।

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