केरल में 26 फीसद जल स्रोत पूरी तरह से प्रदूषित
अध्ययन से पता चला है कि केरल के 26.90 फीसद जल स्रोत पूरी तरह से प्रदूषित हैं।
तिरुवनंतपुरम (प्रेट्र)। राज्य सरकार के जल स्रोतों को फिर से जीवंत करने और पुन: प्राप्त करने के प्रयासों के बीच एक अध्ययन के चौकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। इस अध्ययन से पता चला है कि केरल के 26.90 फीसद जल स्रोत पूरी तरह से प्रदूषित हैं।
इस दक्षिणी राज्य के तालाबों, नहरों, नदियों व सार्वजनिक कुओं सहित 3000 से अधिक जल स्रोतों की जांच की गई। इसमें सामने आया कि 46.10 जल स्रोतों का पानी आंशिक रूप से प्रदूषित है। इस जांच में केवल 27 फीसद
जल स्रोत का पानी है प्रदूषण रहित पाया गया है। यह अध्ययन केरल राज्य साक्षरता राज्य मिशन प्राधिकरण (केएसएलएमए) द्वारा कराया गया था। अध्ययन में जिन 3,606 जल स्रोतों को शामिल किया गया, उनमें से 495 राजधानी तिरुवनंतपुरम, 318 राज्य के वाणिज्यिक केंद्र एर्नाकुलम और 194 जल स्रोत उत्तरी कोझीकोड जिले के थे।
अध्ययन में ये जल स्रोत किए शामिल : इस अध्ययन में विभिन्न जिलों के 1302 तालाबों, 941 नहरों, 153 फैली नदियों, 16 बैकवाटर स्ट्रेचेस, 1107 सार्वजनिक कुएं और 87 अन्य स्रोतों को शामिल किया गया था।
ये हैं प्रदूषण के कारक : अध्ययन के मुताबिक, ठोस व तरल कचरा, घर से निकलने वाला कचरा प्रदूषण के मुख्य कारक हैं। प्रदूषण का 53 फीसद कारण ठोस कचरा, 16.97 फीसद कारण तरल कचरा और 23.24 फीसद कारण घर से निकलने वाला कचरा और सात फीसद कारण अतिक्रमण है। ठोस कचरे में 40 फीसद हिस्सा होटल से निकलने वाला व्यर्थ पदार्थ, 20 फीसद प्लास्टिक और कांच व 30.55 फीसद अन्य कचरा शामिल है।
यह भी पढ़ें : अब सड़क पर गलत पार्क गाड़ी की फोटो भेजो और इनाम पाओ: गडकरी