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23 साल की आरोही पंडित ने बनाया इतिहास, एटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट बनीं

मंगलवार और बुधवार की रात में यह दुर्गम सफर तय करके आरोही पंडित ने एक नया रिकार्ड बनाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 01:40 PM (IST)
23 साल की आरोही पंडित ने बनाया इतिहास, एटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट बनीं
23 साल की आरोही पंडित ने बनाया इतिहास, एटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट बनीं

मुंबई, आइएएनएस। मुंबई की रहने वाली 23 वर्षीय पायलट आरोही पंडित महज सात महीने के प्रशिक्षण के बाद दुनिया की पहली महिला बन गई हैं जिसने लाइट स्पो‌र्ट्स एयरक्राफ्ट (एलएसए) से एटलांटिक महासागर के ऊपर अकेले ही उड़ान भरी है। अपने नन्हें विमान से एक मुश्त 3000 किलोमीटर दूरी की उड़ान भरकर वह ब्रिटेन के स्कॉटलैंड स्थित विक से कनाडा के इक्वालिट एयरपोर्ट पहुंचीं।

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मंगलवार और बुधवार की रात में यह दुर्गम सफर तय करके आरोही पंडित ने एक नया रिकार्ड बनाया है। वह बहुत ही कड़ाके की ठंड वाले मौसम में ग्रीनलैंड और आइएसलैंड में कुछ समय रुकते हुए पहुंची। आरोही का यह विश्व भ्रमण एक साल का है। इसे उसने अपनी मित्र कीथर मिसक्विटा के साथ विगत वर्ष 30 जुलाई को शुरू किया था। यह दुगर्म विश्व भ्रमण अभियान महिला सशक्तिकरण को समर्पित है। इसमें शामिल सभी सदस्य महिलाएं हैं।

इस अभियान को प्रायोजित करने वाली संचार कंपनी सोशल एक्सेस की प्रमुख लिन डिसूजा ने बताया कि आरोही 30 जुलाई तक भारत वापस आ जाएगी। उन्होंने बताया कि इतनी लंबी दुर्गम उड़ान अकेले तय करने के रिकार्ड के अलावा भी आरोही ने कई रिकार्ड बनाए हैं। इसी अभियान में वह एलएसए के जरिए ग्रीनलैंड की आइसकैप के ऊपर से अकेले उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट भी बन गई है। आरोही पंडित एक कर्मिशियल पायलट होने के साथ ही उसके पास एलएसए का लाइसेंस भी है।

उल्लेखनीय है कि आरोही और उसकी बेस्ट फ्रेंड कीथर मिसक्विटा भारत में डीजीसीए से सबसे पहले पंजीकृत एलएसए से भारत से रवाना हुई थीं। पंडित और मिसक्विटा पंजाब, राजस्थान, गुजरात से होते हुए पाकिस्तान पहुंचे। पड़ोसी देश में सिविलियन एलएसए भी 1947 के बाद पहली बार लैंड कराया गया है। इसके बाद यह दोनों महिलाएं ईरान, टर्की, सर्बिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन पहुंचीं। आगामी 30 जुलाई को 37 हजार किमी की उड़ान भर के वह भारत वापस पहुंचेंगी। यह हवाई सफर तय करने के लिए वह रूस को पार करेंगी।

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