गोवा पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते ने 22 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की, केंद्र को भेजी जाएगी ये रिपोर्ट
पत्रकारों से बात करते हुए एटीएस के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम विदेशियों के लिए भी सत्यापन अभियान चलाते हैं खासकर जो अवैध रूप से रहते हैं। जो लोग वैध दस्तावेजों के बिना रह रहे हैं उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
पणजी, एजेंसी। गोवा पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने 22 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की है। पिछले दो महीनों में किरायेदार और विदेशियों के सत्यापन अभियान के दौरान एटीएस ने इनकी अवैध बांग्लादेशियों के रूप में इनकी पहचान की है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने ये जानकारी दी है।
एटीएस के पुलिस अधीक्षक शोभित सक्सेना ने शुक्रवार को कहा कि ये बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अवैध रूप से रह रहे थे। साथ ही उन्होंने कहा कि वे पिछले 4-5 साल से यहां रह रहे हैं। उनमें से कुछ के परिवार यहां हैं।
उन्होंने कहा कि हमें उनके पास से नकली दस्तावेज मिले हैं, जो अन्य राज्यों और बांग्लादेश कार्डों में बनाए गए थे। उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के समक्ष पेश किया गया है। उनके आवाजाही पर प्रतिबंध आदेश पारित किया गया है। हम एक रिपोर्ट बना रहे हैं और गृह मंत्रालय (MHA) को यह जांचने के लिए भेज रहा है कि कहीं कोई संदिग्ध कोण तो नहीं है। उन्होंने कहा कि गोवा पुलिस लगातार किरायेदार सत्यापन पर ध्यान दे रही है।
कानून के अनुसार की जा रही है कार्रवाई
पत्रकारों से बात करते हुए एटीएस के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम विदेशियों के लिए भी सत्यापन अभियान चलाते हैं, खासकर जो अवैध रूप से रहते हैं। जो लोग वैध दस्तावेजों के बिना रह रहे हैं, उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के दौरान पिछले दो महीनों में हमने गोवा में रहने वाले 22 बांग्लादेशियों की पहचान की है।
उन्होंने कहा कि अब तक हमने महसूस किया है कि वे कबाड़ी का काम कर रहे था साथ ही ये सभी कचरा इकट्ठा करने का काम भी करते थे। वे कबाड़ सामग्री का कारोबार कर रहे हैं। इस मामले में हम अभी भी जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एटीएस लगातार काम कर रही है और पिछले दो साल में बांग्लादेशियों समेत कई विदेशियों को हिरासत में लिया है। सक्सेना ने कहा कि हमारी प्राथमिक यह सुनिश्चित करना है कि अवैध रूप से अधिक समय तक रहने वाले विदेशी गोवा में न रहें।